चीन और बांग्लादेश भी उत्पादन क्षेत्र में भारत से आगे – अभिजीत बनर्जी

नई दिल्ली,दुनिया का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार पाने वाले भारतीय अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने कहा है कि है भारत की उत्पादन सेक्टर में कमजोर पकड़ के चलते चीन से पिछड़ गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में हम जो नहीं कर पाए उसे बांग्लादेश ने कर लिया है। उन्होंने एक साक्षात्कार में यह भी कहा है कि ब्याज दरों में कटौती और कॉर्पोरेट टैक्स में कमी से विकास की रफ्तार नहीं बढ़ पाएगी। अभिजीत ने कहा, ‘एक अहम चीज जिसमें चीन सफल रहा और हम असफल वह है-श्रम आधारित मैन्युफैक्चरिंग। हमने रियल एस्टेट, सर्विस सेक्टर में नौकरियां पैदा कीं, लेकिन मैन्युफैक्चरिंग में नहीं। इस सेक्टर में लाखों लोगों को काम मिल सकता है। हमने इसे मिस कर दिया है, लेकिन बांग्लादेश ने पकड़ लिया है।’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि पकौड़ा बेचना भी बुरा नहीं है, लेकिन पकौड़ा विक्रेता अधिक होने की वजह से कीमत काफी कम मिलती है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पकौड़े बेचना भी एक रोजगार है, जिस पर विपक्ष ने उनकी तीखी आलोचना की थी। अभिजीत बनर्जी ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती या ब्याज दरों में कमी का ग्रोथ पर कोई असर नहीं होने जा रहा है। सबसे सही तरीका है गरीबों के हाथ में पैसा देना। इससे अर्थव्यवस्था में दोबारा जान आएगी और यह देखने के बाद कॉर्पोरेट सेक्टर दोबारा निवेश करेगा।
अभिजीत बहुत अधिक वेतन के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं वेतन की एक सीमा होनी चाहिए, लेकिन इसे लागू करना मुश्किल है। मैं अधिक आमदनी पर ऊंचे टैक्स के समर्थन में हूं। असमानता दूर करने के लिए टैक्स सिस्टम का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए लीगल लूपहोल को बंद करना होगा। अमेरिका में वॉरेन बफेट कहते रहते हैं कि मैं कम टैक्स देता हूं क्योंकि आपने ऐसा सिस्टम बनाया है कि मैं कम टैक्स दूं। वह प्रमुखता से कहते हैं कि गरीब और अमीर के बीच जंग है और अमीर जीत रहे हैं। आर्थिक सुस्ती या बहुसंख्यकवाद में से उन्हें क्या अधिक चिंतित करता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। सुस्ती वास्तविक है और सरकार धीरे-धीरे इसे स्वीकार कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *