भोपाल, मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल और ब्लैकमेलिंग मामले में गुरुवार को नया खुलासा हुआ है। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने कर्नाटक के बेंगलुरु की एक निजी सर्विलांस और साइबर सुरक्षा कंपनी से कई यंत्र जब्त किये हैं। श्वेता के दिमाग से यह कंपनी चलती थी। संतोष नाम के व्यक्ति द्वारा संचालित यह कंपनी कई केंद्रीय एजेंसियों के लिए भी काम कर चुकी है। बताया जा रहा है कि इस कंपनी से जुड़े संतोष नामक व्यक्ति ने अधिकारियों और नेताओं के अलावा उद्योगपतियों के फोन कॉल और चैटिंग को भी ट्रैक करने में श्वेता की मदद करता था। तकनीक की मदद से हनीट्रैप के शिकार लोगों के मैसेजिंग एप से चैट के साथ ही एसएमएस फोटो गैलरी और ईमेल से भी जानकारी चोरी की जाती थी।
ये सीबीआई नहीं जो सबको क्लीनचिट दे दे
बार-बार एसआईटी मुखिया बदलने से उठे सवाल पर जनसंपर्क मंत्री का जवाब आया है। मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि इस मामले में एसआईटी किसी को नहीं छोड़ेगी, इस बार एसआईटी चीफ डीजी रैंक के अधिकारी हैं। वही उन्होंने सीबीआई पर निशाना साधते हुए कहा कि ये एसआईटी है, सीबीआई नहीं जो व्यापम में क्लीन चिट दे दे।