इंदौर, इंदौर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। एडीजी वरुण कपूर को मिले एक गोपनीय पत्र से इंदौर के 10 साल पुराने आशा व्यास के अंधे कत्ल का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दूसरा आरोपी कुख्यात बदमाश है और अन्य मामले में जेल में है।
पकड़े गए आरोपी का नाम अनिल पिता मदनलाल बडोनिया उम्र 43 वर्ष निवासी ग्राम पिवडाय, खुड़ैल है। घटनाक्रम के अनुसार 28 जून, 2009 को दोपहर के समय व्यासफला, जमीदार की चाल इंदौर निवासी, आशा व्यास की चाकू घोंप कर निर्मम हत्या कर दी गई थी। उस वक्त़ उपरोक्त़ हत्या के बाद थाना रावजीबाजार ने धारा 302, 34 पंजीबघ्द़ कर विवेचना में लिया गया था। सभी प्रयासों के बावजूद भी उपरोक्त़ प्रकरण नहीं सुलझ पाया था और कुछ समय बाद विवेचना बंद कर प्रकरण में खात्मा किया गया था।
और खुल गई गुत्थी
इस बीच एडीजी वरुण कपूर को गोपनीय सूत्रों से पत्र व्दारा इस हत्याकांड के बारे में महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त़ हुई। उन्होंने विशेष जाँच दल के प्रभारी उप निरीक्षक रीतेश नागर को यह सूचना दी।
गहन जाँच में एक-एक करके सभी परतें खुलती गई यह तथ्य़ सामने आया कि मृतका के “अवैध” संबंध उसी मोहल्ले में निवासरत मदनलाल बडोनिया नामक व्य़क्त़ि से थे।
इस मदनलाल का परिवार एवं मृतका आशा व्यास का परिवार एक ही मकान के अलग अलग हिस्सों में किरायेदार के रूप में रहता था। मृतका आशा अपनी माँ के साथ रहती थी और मदनलाल अपने बेटे अनिल व पत्नि के साथ ।
मदनलाल के आशा व्यास से संबंधो को लेकर उनके परिवार में अक्सऱ लडाई झगडा होता रहता था। इस विवाद के ज्यादा बढने पर मदनलाल व्दारा मृतका आशा व्यास के लिए एक अन्य़ मकान किराये पर ले लिया था, जो उनके पुराने मकान से 50 मीटर की दूरी पर था।
कुछ समय के बाद मृतका आशा व्यास की माँ का स्वर्गवास हो गया और उस मकान में आशा व्यास अकेली रहने लगी थी। आशा व्यास से संबंधों के कारण प्राय: अनिल का विवाद अपने पिता से होता रहता था। इस प्रकार निरंतर विवाद के उपरांत जब कोई विकल्प़ अनिल को नहीं दिखा तो उसने मृतका आशा व्यास को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया ।
इस हेतु उसने उसी क्षेत्र के एक कुख्यात अपराधी अंकित शर्मा पिता रतनलाल शर्मा उम्र 27 साल निवासी चन्द्रभागा से सम्पर्क किया। उसे 25,000 रूपए की सुपारी देकर आशा व्यास को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
एडीजीकपूर ने बताया कि घटना के दिन आरोपी अनिल बडोदिया एवं अंकित शर्मा दोनों घात लगाकर आरोपी शनि गली की तरफ बैठ कर इंतजार करते रहे। दोपहर में जब आशा व्यास अपने घर पर आयी तो थोडी देर बाद दोनों आरोपी वहाँ पहुंच गये और दरवाजा खटखटाया।
आशा व्यास बाहर आयी तो दोनों आरोपियों ने मृतका आशा व्यास को पकड कर झुकाया एवं उस पर चाकू से वार किये जो कि उसके पेट में लगे और चोंट लगने पर वह चिल्लाने लगी तो दोनों आरोपी वहां से भाग खडे हुए।
आरोपी अनिल पिता मदनलाल बडोनिया उम्र 43 वर्ष वहां से अपने गाँव पिवडाय चला गया । जहाँ उसने घटना में प्रयुक्त़ चाकू को भी जमीन में गाड़ दिया। घटना की सम्पूर्ण तस्दीक होने के उपरान्त़ पुलिस ने आरोपी अनिल बडोनिया को गिरफ्तार कर उसकी निशादेही पर घटना में प्रयुक्त़ चाकू भी बरामद कर लिया है।
घटना का दूसरा आरोपी अंकित पिता रतनलाल पूर्व से ही एक अन्य फायरिंग के जुर्म में जेल में निरूध्द़ है। आरोपी अंकित पिता रतनलाल शर्मा पर 11 जघन्य़ अपराध दर्ज हैं जिसकी इस प्रकरण में विधिवत गिरफ्तारी की जायेगी।
उपरोक्त़ हत्याकांड को सुलझाने के लिए उप निरीक्षक रीतेश नागर, प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र मिश्रा, आरक्षक जयवंत की भूमिका रही है इन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।