हनीट्रैप मामले में 13 आईएएस अफसर थे टारगेट, सात राज्यों तक फैला था नेटवर्क

भोपाल, राज्य के बहुचर्चित हनी ट्रैप कांड में एक और बड़ी बात सामने आई है। इस गैंग के निशाने पर 13 आईएएस अफसर थे, जिनकी अश्लील वीडियो सीडी बनाई जा रही थीं, गिरोह के सदस्यों के पास से जांच एजेंसियों को आईएएस अधिकारियों की एक टारगेट लिस्ट मिली है, जिन्हें सुंदरियों ने अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था और अब उनके सेक्स वीडियो के आधार पर ब्लैकमेलिंग की पटकथा लिखी जा रही थी। हनी ट्रैप गिरोह की लिस्ट में ऐसे आईएएस अधिकारियों के नाम कोड वर्ड में दर्ज हैं।
ये आईएएस अफसर अलग-अलग समय पर मत्स्य पालन, कृषि, संस्कृति, उद्योग, नगरीय प्रशासन, श्रम, वन, जल संसाधन, जनसंपर्क और सामान्य प्रशासन विभाग में काम कर चुके हैं। मध्य प्रदेश में पकड़े गए हनी ट्रैप रैकेट से जिस तरह के खुलासे हो रहे हैं, वह हर दिन नई परतें खोल रहा है। यह पूरा कांड देश के सबसे बड़े सेक्स रैकेट में तब्दील होता जा रहा है। इस रैकेट की जड़ें सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं देश के 7 राज्यों तक फैली हैं। आने वाले दिनों में पूरे देश में इससे बवंडर खड़ा हो सकता है। अब तक इस मामले से जुड़ी 4000 फाइलें जांच एजेंसियों को मिल चुकी हैं और फाइलों के मिलने का सिलसिला अभी जारी है। इन फाइलों में अधिकारियों के सेक्स चैट, यौन संबंध बनाते न्यूड वीडियो और ऑडियो क्लिप शामिल हैं। इस रैकेट में बी. ग्रेड मूवी की कई एक्ट्रेस के नाम भी आ रहे हैं।
श्वेता जैन के लैपटॉप से खुली कई बातें
हनीट्रैप गिरोह की सरगना श्वेता जैन और उसके साथियों के लैपटॉप और मोबाइल में मिले वीडियो और अन्य सबूतों की जांच जारी है। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, यह देश में सबसे बड़ा ब्लैकमेलिंग के लिए सेक्स स्कैंडल बनकर सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि हनी ट्रैप गिरोह के सदस्यों से मिले मेमोरी कार्ड की जांच और उनसे फोटो तथा वीडियो निकालने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों को ओवरटाइम करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जिस तरह से मामले सामने आ रहे हैं, उससे लगता है कि डिजिटल फाइलों की संख्या 5 हजार को पार कर सकती है।
बुंदेलखंड के पूर्व मंत्री की पत्नी का NGO
हनी ट्रैप मामले के तार एक पूर्व मंत्री की पत्नी से जुड़े रहे हैं। पूर्व मंत्री की पत्नी की वजह से काफी काम आरोपी महिला के पति के एनजीओ को मिले थे। बताया जाता है कि पूर्व मंत्री की पत्नी उक्त एनजीओ में साझीदार थी, जिसके चलते बिना रोक-टोक के एनजीओ को धड़ल्ले से सरकारी विभागों के काम मिलते रहे। आरोपी महिला ने पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी का भरपूर उपयोग किया। मंत्री के पास समय-समय पर महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी थी।
सिमरन पर टिकीं निगाहें
एसआईटी 9 साल पुरानी उस फाइल को भी री-ओपन करेगी, जिसमें दिल्ली की हाईप्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन को पकड़ा गया था। ये फाइल 2011 में एमपी नगर की एक होटल में पकड़ी गई दिल्ली की हाई प्रोफाइल कॉल गर्ल सिमरन की है। उस समय जांच के दौरान कॉल गर्ल के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल में दो पूर्व मंत्रियों और एक पुलिस अधिकारी का नाम सामने आया था। तत्कालीन सरकार के 2 कद्दावर मंत्रियों के नाम सामने आने के बाद मामले को दबा दिया गया था। अब एसआईटी इसकी जांच इसलिए कर रही है, क्योंकि भोपाल में पकड़ी गई एक आरोपी महिला की दिल्ली की कॉल गर्ल सिमरन से दोस्ती थी। पुलिस सिमरन से जुड़े हनीट्रैप गैंग के कनेक्शन की जांच कर रही है। ये जांच सिमरन और भोपाल की महिला आरोपी के संबंधों और उनकी सक्रियता को लेकर की जा रही है।
इन राज्यों से कनेक्शन
मप्र में हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार महिला आरोपियों ने प्रदेश के बाहर भी नेता, अफसर और बिसनेसमैन को शिकार बनाया है। अभी तक पड़ताल में यह तथ्य पुलिस को मिले हैं कि आरोपी महिलाओं ने छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, यूपी और हिमाचल प्रदेश के शिमला में भी लोगों केा अपना शिकार बनाया है। हालांकि मप्र पुलिस की ओर से इस संबंध में अधिकृत रूप से कुछ भी खुलासा नहीं किया गया है।
ऐसे फैलाया दूसरे राज्यों में नेटवर्क
हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार महिलाओं ने दिल्ली से दूसरे राज्यों के नेता अफसरों से पहचान बनाई। मप्र के नेताओं के जरिए इन महिलाओं ने संसद में भी प्रवेश किया। कई मंत्रालयों में भी पहुंच बनाई। गिरोह की मुख्य सरगना ने 2013 से 2016 तक दिल्ली में ज्यादा वक्त बिताया। यहीं से शिमला, चंडीगढ़, आगरा, मुंबई, पुणे, रायपुर, बिलासपुर, जयपुर, उदयपुर शहरों के लिए नेता, अफसर एवं अन्य के साथ सफर किया।

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