नईदिल्ली, नोटबंदी पर राष्ट्पति प्रणब मुखर्जी ने पहली बार मुंह खोलते हुए कहा कि इस कदम से गरीबों की परेशानियां बढ़ गई हैं. उन्होंने आगाह भी किया कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था में अस्थाई मंदी आ सकती है.
वे राज्यपालों और उपराज्यपालों को संबोधित करते हुए नोटबंदी का जिक्र कर रहे थे.
पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिऐ दिए गए संदेश में उन्होंने कहा कि नोटबंदी से निश्चित ही गरीबों की परेशानियां बढ़ी हैं. उनका कहना था कि नोटबंदी से कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ताकत मिलेगी, लेकिन इससे फिलहाल अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर प्रभाव पड़ेगा. इससे अस्थायी आर्थिक मंदी संभव है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पीएम के पैकेज से राहत की उम्मीद है.
मुखर्जी ने कहा कि गरीबों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशें हो रही हैं और संभवत:नोटबंदी से लंबे समय में गरीबों को फायदा होगा. हालांकि इसके साथ ही राष्ट्रपति ने कहा उन्हें संदेह है कि गरीब इतना लंबा इंतजार नहीं कर सकते. इसलिए यह जरूरी है कि उन्हें तत्काल प्रभाव से मदद मुहैया कराई जानी चाहिए, ताकि वे भी भूख, बेरोजगरी और शोषण रहित भारत की ओर अग्रसर हो सकें.
उन्होंने कहा, देश के प्रथम नागरिक और हमारे महामहीम ने सरकार को तीन नसीहतें दी हैं. नोटबंदी की वजह अर्थव्यवस्था में अस्थायी रूप से नरमी आने की जो बात राष्ट्रपति ने कही, मोदी सरकार को उस पर ध्यान देना चाहिए. राष्ट्रपति की कही दूसरी अहम बात कि गरीब ज्यादा दिनों तक ये परेशानियां नहीं सकते, ऐसे में मोदी सरकार को तत्काल संभव उपाय करने चाहिए. लेकिन मोदी जी की सरकार अब आम लोगों की भलाई की जगह सूट-बूट की सरकार हो गई है. गरीबों के अधिकार को बदलकर अब बड़े उद्योगपतियों की सरकार बन गई है.