इंदौर,कल आयोजित की गई लोक अदालत में इंदौर नगर निगम में नोटों का ढेर लग गया। केश काउंटर पर ऐसा पैसा बरसा कि उसकी गड्डियां जमाने में निगमकर्मियों की रात हो गई। असलीयत में देखा जाए तो पानी ने नगर निगम की लाज बचा ली, वरना तो इस लोक अदालत में पैसा पाने के लिए तरस जाते।
कल राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इस मौके पर बकायादारों से टैक्स की बकाया राशि जमा कराने के लिए नगर निगम के द्वारा हमेशा की तरह छूट दी गई थी। इसमें नई बात कुछ नहीं थी। हर लोक अदालत में ही निगम इस तरह की छूट देता है और कोशिश करता है कि लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा राशि जमा हो जाए ताकि उसे अच्छा पैसा मिल सके। इस बार भी निगम के द्वारा लोक अदालत को लेकर ऐसी ही कोशिश की गई थी। इसी तरह से तैयारी की गई थी, लेकिन इस बार तो निगम में पैसा जमा कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े। स्थिति यह थी कि इतना पैसा जमा हो गया कि इस पैसे को एकसाथ करने में उसकी गड्डी जमाने में निगम के कर्मचारियों को रात हो गई। वैसे भी निगम के काउंटर पर रात के १० बजे तक तो पैसा ही जमा होता रहा। यह पैसा निगम मुख्यालय के काउंटर के साथ ही साथ सभी झोनल कार्यालय के काउंटर पर भी खूब पैसा जमा हुआ।
आईडीए रहा सबसे बड़ा जमाकर्ता
कल की इस लोक अदालत में निगम के खजाने में पैसा जमा करने वालों में सबसे बड़ा जमाकर्ता इंदौर विकास प्राधिकरण रहा। प्राधिकरण के द्वारा निगम में जाकर ३.४२ करोड़ रुपए की राशि का चेक जमा कराया गया। ध्यान रहे कि पिछले कुछ महीनों से निगम के अधिकारियों के द्वारा प्राधिकरण पर बकाया राशि जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इस दबाव को अब तक तो प्राधिकरण टल्लेबाजी कर भूल रहा था। अब जाकर उसे इस दबाव के कारण पैसे जमा कराना पड़े।