भोपाल, हत्या के मामले में आरोपी बनाए गए सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य को बर्खास्त किए जाने की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मंगलवार को सीएम हाउस के सामने धरना दिया। धरने से पहले वे जवाहर भवन से मुख्यमंत्री निवास तक पैदल गए थे। उधर, सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें धरना खत्म करने के लिए कहा, लेकिन जब वे नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें समर्थकों के साथ हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने अजय सिंह, आरिफ अकील और डॉ गोविंद सिंह को गिरफ्तार कर लिया। मीडिया से चर्चा के दौरान अजय सिंह ने सीएम चौहान से आर्य को तत्काल मंत्री पद से हटाए जाने की मांग करते हुए कहा कि, ऐसा नहीं होने पर वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे। गौरतलब है कि साल २००९ में गोहद विधायक रहते हुए माखनलाल जाटव की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लालसिंह आर्य को आरोपी बनाया गया है। कहा जा रहा है कि चुनावी रंजिश के चलते आर्य ने गोली मारकर माखनलाल को मौत के घाट उतारा था। नेता प्रतिपक्ष के साथ कांग्रेस विधायक आरिफ अकील और कुछ अन्य पार्टी नेता भी धरने पर बैठे । नेता प्रतिपक्ष सिंह ने तीन दिन पहले इस बारे में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान घोषणा की थी। १९ मई को भिंड जिले की एक अदालत ने कांग्रेस नेता माखनलाल जाटव की हत्या के मामले में मंत्री आर्य को भी आरोपी बनाकर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। तत्कालीन गोहद विधायक माखन जाटव की गोहद क्षेत्र के छरेंटा गांव में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान १३ अप्रैल २००९ की देर शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें पुलिस ने नौ लोगों को आरोपी बनाया था तथा बाद में गिरफ्तारियां की गई थीं। मामला हाईप्रोफाइल होने की वजह से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था। इस हत्याकांड के समय ही जाटव के परिजनों ने मंत्री आर्य का नाम आरोपियों में शामिल करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने लाल सिंह आर्य को आरोपी नहीं बनाया था और सीबीआई ने भी क्लीनचिट दे दी थी। बाद में भिंड के विशेष न्यायालय में जाटव के परिजन ने धारा ३१९ के तहत आवेदन लगाया था, जिसकी सुनवाई के बाद विशेष न्यायालय ने धारा ३०२ के तहत आर्य को आरोपी बनाया। इसके साथ ही उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।
उधर, वारंट जारी होने के बाद मंत्री आर्य की तरफ से वकील अवधेश सिंह कुशवाह ने विशेष न्यायालय में आवेदन लगाकर उनकी गिरफ्तारी स्थगित करने का निवेदन किया था। न्यायाधीश ने इस आवेदन को स्वीकार कर तीन जून २०१७ तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। पूरे मामले को लेकर अजय सिंह ने अपने बयान में कहा था कि अदालत के फैसले के बाद मंत्री अब हत्या के आरोपी हैं। उन्हें मंत्री पद पर बने रहने का कोई ह़क नहीं है। उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने सीएम से मांग की थी कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करें और मंत्री आर्य को मंत्रिमंडल से हटाएं। सीएम हाउस के सामने धरना दे रहे बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।