नई दिल्ली,देश के पांच राज्यों विशेषकर राजनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण उप्र में चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही 1 फरवरी को केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा इसके बीच में पेश किए जा रहे आम बजट को लेकर घमासान शुरू हो गया है. विपक्षी सदस्यों ने चुनाव आयोग पहंच कर आम बजट को चुनाव बाद पेश करने की गुहार लगाई है.
विपक्ष की इस मांग का केंद्र में एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने भी समर्थन किया है. गुरुवार को आम बजट को टलवाने के लिए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जेडीयू, आरएलडी के नेता चुनाव आयोग पहुंचे. दूसरी तरफ सरकार ने बजट टालने की किसी संभावना से इनकार किया है.
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रहे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि 1 फरवरी को बजट पेश करने पर रोक लगाई जाए. यदि सरकार 31 जनवरी से संसद सत्र बुलाती है तो हमें इस पर ऐतराज नहीं है, लेकिन बजट 8 मार्च के बाद ही पेश किया जाए ताकि सरकार को मतदाताओं को लुभाने का कोई मौका ना मिले. इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और वित्ती मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बजट को टालने की कोई गुंजाइश नहीं है. इसे 1 फरवरी को ही पेश किया जाएगा.