नईदिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे से बेहद खुश हैं। कुलभूषण जाधव को बचाने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सार्वजनिक तौर पर साल्वे को शुक्रिया कहा है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में साल्वे ने सिर्फ एक रुपये की फीस लेकर भारत सरकार का मुकदमा लड़ा। साल्वे की दलील सुनकर सरकार का शीर्ष नेतृत्व गदगद हो गया। सुनी-सुनाई से कुछ ज्यादा है कि हरीश साल्वे को मोदी सरकार अब एक बहुत बड़ा पद देने वाली है। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की जगह हरीश साल्वे को नया अटॉर्नी जनरल बनाने पर विचार चल रहा है। दरअसल हेग में पाकिस्तान के खिलाफ मुकदमे में जिरह के लिए खुद अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी जाना चाहते थे। लेकिन प्रधानमंत्री के स्तर पर उनकी फाइल रोक दी गई। कहा जाता है कि उनके ही कहने पर हरीश साल्वे को कुलभूषण जाधव का मुकदमा लड़ने के लिए भेजा गया। इस बारे में सुब्रमण्यम स्वामी ने मीडिया से साफ कहा कि कुलभूषण जाधव को बचाने का क्रेडिट प्रधानमंत्री को जाना चाहिए जिन्होंने मुकुल रोहतगी की जगह हरीश साल्वे को हेग भेजा।
सरकार के अंदर के समीकरण को समझें तो मुकुल रोहतगी वित्त मंत्री अरुण जेटली के मित्र हैं और हरीश साल्वे की नजदीकी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से है। जब मोदी सरकार बनी तब भी अटॉर्नी जनरल के तौर पर हरीश साल्वे का नाम प्रधानमंत्री के सामने आया था, लेकिन उस वक्त साल्वे व्यक्तिगत वजहों से अटॉर्नी जनरल नहीं बनना चाहते थे। कुछ दिनों तक मुकुल रोहतगी की नियुक्ति की फाइल रोकी भी गई। लेकिन साल्वे के तैयार न होने पर फैसला रोहतगी के पक्ष में हो गया। लेकिन पिछले तीन साल में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में कई बार हार का सामना करना पड़ा। अगले दो साल सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती इसलिए अटॉर्नी जनरल बदलने का फैसला अब करीब-करीब हो चुका है। कुलभूषण केस के बाद हरीश साल्वे की तारीफ सरकार से लेकर विपक्ष तक सबने की है। यहां तक कि पाकिस्तानी मीडिया ने भी कहा कि साल्वे ने एक रुपए लेकर एक घंटे की दमदार जिरह की और पाकिस्तानी वकील पांच करोड़ रुपए लेकर आधे घंटे तक सिर्फ कमजोर दलीलें ही पेश करता रहा। यानी कि इस समय साल्वे के पक्ष में माहौल बन चुका है, और सुनी-सुनाई है कि सरकार को लगता है कि यही सबसे सही वक्त है जब सरकार के सबसे बड़े विधि अधिकारी को बदल दिया जाए।
भारत में अटॉर्नी जनरल का कार्यकाल सिर्फ तीन साल का होता है। यानी कि इसी साल जून के महीने में मुकुल रोहतगी का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। इसके बाद सुनी-सुनाई से कुछ ज्यादा है कि उन्हें दोबारा अटॉर्नी जनरल नहीं बनाया जाएगा। इस बार सरकार के शीर्ष नेतृत्व को उम्मीद है कि वे हरीश साल्वे को अटॉर्नी जनरल बनने के लिए मनाने में कामयाब हो जाएंगे। इस वक्त हरीश साल्वे देश के सबसे महंगे वकील माने जाते हैं। वे कुलभूषण जाधव से लेकर सलमान खान, मुकेश अंबानी और वोदाफोन तक के केस सफलतापूर्वक लड़ चुके हैं। सलमान खान को तो च्हिट एंड रन’ मामले में पांच साल की सजा होने के बाद उसी दिन साल्वे ने हाई कोर्ट से जमानत दिलवा दी थी। उनके जानकार वकीलों की मानें तो वे एक दिन जिरह करने के लिए कम से कम पांच लाख रुपए फीस लेते हैं। लेकिन अगर मामला जनहित या पर्यावरण जैसे मुद्दों से जुड़ा हो तो वे एक रुपए की फीस में भी मुकदमा लड़ते हैं। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में देश के सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं।