लखनऊ,आजमगढ़ जेल में विचाराधीन बंदी सुनील पासी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। बाद में मृतक के परिवार के लोगों ने जमकर हंगामा किया। उनका आरोप है कि सुनील को जेल में जहर देकर मारा गया है। आजमगढ़ जिले के फूलपुर कोतवाली क्षेत्र में 28 अगस्त की रात को हुई पुलिस मुठभेड़ में 25-25 हजार रुपये के दो इनामी बदमाश घायल हो गए थे। दोनों बदमाशों में से सुनील पासी (28) पुत्र रामनाथ ग्राम बसगीत थाना जहानागंज निवासी के पैर में पुलिस की गोली लगी थी। दोनों घायलों को वाराणसी में इलाज के बाद वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया था। दो दिन पहले उसे जिला जेल लाया गया था। मगर सोमवार की रात अचानक तबीयत खराब होने के बाद बंदी ने जेल अस्पताल में ही इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जेल अधिकारियों के अनुसार वाराणसी से इलाज कराने के बाद पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया था। तभी से जेल में सुनील की हालत ठीक नहीं थी। सोमवार रात लगभग एक बजे जेल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। जेल अधीक्षक आरके मिश्र का कहना है कि बंदी सुनील की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। मौत के बाद बंदी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बंदी सुनील की मौत की जानकारी के बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि उन्हें फोन पर सूचना दी गई थी कि सुनील की हालत खराब है। जब वह जेल पहुंचे तो उसकी मौत हो चुकी थी।
विचाराधीन बंदी की आजमगढ़ जेल में मौत, परिजनों ने लगाया जहर देकर मारने का आरोप
