उज्जैन, महाकाल मंदिर में सामान्य दर्शनार्थियों के समय में वीआईपी का कोई दखल नहीं रहेगा।1700 रुपए के अभिषेक की रसीद वाले पुजारी, पुरोहित के यजमान भी वीआईपी के लिए निर्धारित समय पर ही गर्भगृह में जा सकेंगे। अभिषेक की रसीद पर मिलने वाला अशंदान भी पुजारी, पुरोहित के बीच समान रूप से वितरित होगा। प्रदेश सरकार द्वारा अब प्रोटोकॉल दर्शन के लिए प्रतिदिन अलग से समय तय कर दिया गया है। इस वजह से कई बार पूर्व में विवाद की स्थिति निर्मित हो चुकी थी। सामान्य दर्शनार्थियों के समय में वीआईपी दर्शनार्थी के आने से सामान्य भक्तों को परेशानी का सामना करना पडता था। प्रभारी मंत्री सज्जन वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बता दें 23 अगस्त को प्रदेश शासन के तीन मंत्रियों की समिति ने महाकाल मंदिर में वीआईपी के लिए प्रतिदिन दो घंटे (एक घंटा सुबह, एक घंटा दोपहर) का समय निर्धारित कर दिया था। इधर श्रावण-भादौ मास बीत जाने के बाद भी जब आम दर्शनार्थियों को गर्भगृह में जाने पर रोक बरकरार रही, तो विरोध के स्वर मुखर होने लगे। इसके बाद प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने निर्णय की समीक्षा के लिए इंदौर में कलेक्टर शशांक मिश्र, मंदिर प्रशासक सुजान सिंह रावत तथा पुजारी, पुरोहितों की बैठक बुलाई।
चर्चा के बाद तीन अहम फैसले लिए गए। इसमें आम दर्शनार्थियों के लिए राजाधिराज का दरबार खोल दिया गया।
प्रदेश सरकार ने वीआईपी के लिए प्रतिदिन चार घंटे का समय निर्धारित कर दिया है। प्रोटोकॉल के तहत सुबह 7.45 से 9.45 तथा दोपहर 2 से 4 बजे का समय निर्धारित किया है।पहले वीआईपी के लिए प्रतिदिन 2 घंटे का समय निर्धारित किया गया था। पुजारी, पुरोहित के यजमानों के लिए भी यहीं समय था। ऐसे में गर्भगृह में आपाधापी की स्थिति रहती थी। समय बढ़ने से दर्शनार्थियों को सुविधा होगी। प्रवेश बंद रहने पर गर्भगृह में जाने के लिए भक्तों को 1700 रुपए के अभिषेक की रसीद कटानी होती है। इस रसीद में से पुजारी,पुरोहित को 75 फीसद हिस्सा मिलता है। मंदिर समिति को केवल 25 फीसद राशि से संतोष करना पड़ता था। बैठक में हुए निर्णय के अनुसार अब अभिषेक की रसीद में पुजारियों को 75 की बजाय 50 फीसद राशि मिलेगी। मंदिर समिति का हिस्सा 25 से बढ़ाकर 50 फीसद कर दिया गया है। पुजारी, पुरोहित को मिलने वाला अंशदान सभी में समान रूप से बांटा जाएगा। प्रशासक सुजानसिंह रावत ने बताया मंदिर में भीड़ कम होने पर आम दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा। आम दर्शनार्थी भी सुविधा से भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे। गर्भगृह में प्रवेश का निर्णय प्रशासक भीड़ की स्थिति को देखते हुए लेंगे। इस निर्णय की अहम बात यह है कि पहली बार आम भक्तों को बिना किसी रोकटोक के गर्भगृह में प्रवेश मिलेगा। सामान्य दर्शनार्थियों के दर्शन के समय प्रोटोकॉल के तहत कोई भी वीआईपी दर्शन के लिए नहीं आएगा। पुजारी,पुरोहित की रसीद भी बंद रहेगी।