मिर्जापुर,उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में हाल में एक प्राथमिक स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बच्चों को नमक-रोटी खिलाये जाने की खबर छापने वाले पत्रकार और ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि समेत कई लोगों के खिलाफ सरकार की छवि खराब करने के कुत्सित प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर, मामले में आरोपी पत्रकार ने खुद पर लगे आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि खबर में कुछ भी बनावटी नहीं है और उन पर मुकदमा दर्ज किया जाना पत्रकारिता पर हमला है।
वहीं प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि सिर्फ कोई भ्रष्टाचार या तथ्य उजागर करने के कारण पत्रकार पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिये। अगर ऐसा हुआ होगा तो वह इस मामले को देखेंगे। जानकारी के मुताबिक एक हिन्दी दैनिक अखबार के स्थानीय पत्रकार पवन कुमार जायसवाल, सिऊर गांव के प्रधान के प्रतिनिधि राजकुमार पाल तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश रचने, सरकारी काम में बाधा डालने, झूठी बातों को तथ्य के तौर पर पेश करने और धोखाधड़ी कर सरकार की छवि खराब करने के कुत्सित प्रयास के आरोप में अहिरौरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा बीती 31 अगस्त को खण्ड शिक्षाधिकारी प्रेम शंकर राम की तहरीर पर दर्ज किया गया है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि पत्रकार पवन ने सोची-समझी साजिश के तहत स्कूल में वीडियो तैयार किया ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके।
इधर, आरोपी पत्रकार ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह दिल्ली के एक अखबार में संवाददाता हैं। उन्हें स्कूल में मध्याह्न भोजन वितरण में कई खामियों की सूचना मिली थी। यह भी पता चला था कि स्कूल में बच्चों को कभी-कभी नमक-रोटी और नमक-चावल भी दिये जाते हैं। पवन ने बताया कि बीती 22 अगस्त को मुझे किसी ने फोन करके बुलाया तो मैं वहां खबर के मकसद से पहुंचा और अपर बेसिक शिक्षा अधिकारी बृजेश कुमार सिंह को इस बारे में जानकारी देते हुए खुद के स्कूल जाने की बात बतायी। मैंने दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर पहला वीडियो बनाया और अपने साथियों को इस बारे में बताया, जिन्होंने जिलाधिकारी को घटना से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने खबर प्रसारित होने से पहले मामले की जांच करायी और कई कर्मियों को निलम्बित भी किया। बाद में मामला हाई प्रोफाइल हो गया और खुद को बचाने के लिये मुझ पर कई मुकदमे दर्ज करा दिये गये। यह पत्रकारिता पर हमला है। पवन ने कहा कि आप खबर देखकर खुद ही जांच सकते हैं। उसमें कुछ भी बनावटी नहीं है। मैंने अधिकारियों को सबकुछ बताया था।
इस बीच, समाजवादी पार्टी ने स्कूल प्रशासन की गड़बड़ी उजागर करने वाले पत्रकार पर मुकदमा दर्ज किये जाने का विरोध करते हुए प्राथमिकी रद्द किये जाने की मांग की है। पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि मिर्जापुर में बच्चों के निवाले छीनने वालों का काला सच उजागर करने वाले पत्रकार पवन जायसवाल पर मुकदमा स्वतंत्र एवं निडर पत्रकारिता पर प्रहार है। सत्ता का अहंकार भरा ये कदम भ्रष्टाचार के संकल्प को सिद्ध करता है।समाजवादी पार्टी मांग करती है कि मुकदमा रद्द किया जाए। विदित हो कि बीती 22 अगस्त को मिर्जापुर के जमालपुर विकास खण्ड स्थित सिऊर प्राथमिक विद्यालय की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच करायी थी और प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर दो शिक्षकों मुरारी और अरविंद कुमार त्रिपाठी को निलम्बित किया था। अब इसी मामले का खुलासा करने वाले पत्रकार तथा अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि राजकुमार को जानकारी थी कि घटना के दिन स्कूल में सिर्फ रोटी ही बनी है मगर उसने सब्जी का इंतजाम कराने के बजाय पत्रकार पवन जायसवाल को बुलाया, जिसने रसोइयों द्वारा बच्चों को केवल रोटी नमक खिलाते हुए वीडियो बना लिया और उसे एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एजेंसी को भेज दिया।
पत्रकार पर मुकदमा मध्याह्न भोजन में नमक-रोटी खिलाये जाने की छापी थी खबर
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