नई दिल्ली,आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच का सामना कर रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेश में संपत्ति बनाने का दावा किया है। ईडी ने जांच के लिए चिदंबरम को कस्टडी में देने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा केस के सह-आरोपियों के साथ-साथ कांग्रेस नेता विदेश में संपत्ति बेचने और विदेशी बैंक खातों को बंद करने के सबूतों से भी छेड़छाड़ करते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर ऐफिडेविट में जांच एजेंसी ने दावा किया कि चिदंबरम के कई देशों में बैंक खाते हैं। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दायर हलफनामे के अनुसार, चिदंबरम और केस के सह-आरोपियों ने अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, ब्रिटिश वर्जिन आइसलैंड, फ्रांस, ग्रीस, मलेशिया, मोनाको, फिलीपींस, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका में संपत्ति खड़ी करने के साथ-साथ बैंक अकाउंट भी खोले। ईडी ने दावा किया कि फर्जी कंपनियों के जरिए इन देशों के बैंक खातों में लेन-देन का काम किया गया।
चिदंबरम की बेल याचिका का विरोध करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने उन पर सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप लगाए। जांच एजेंसी ने अपनी याचिका में कहा आरोपी के खिलाफ हमारे पास मजबूत केस है। इसी आधार पर हम बेल याचिका का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही इनकी अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करने का हमारे पास एक और मजबूत आधार है। हमें ऐसे संकेत मिले हैं कि आरोपी और सह-आरोपी न सिर्फ सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं, बल्कि गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश भी कर रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय ने जांच को अंतिम दिशा तक ले जाने के लिए कहा कि केस ऐसे मुकाम पर है कि हमें सबूतों को बहुत सावधानी से सुरक्षित रखना होगा। ईडी ने बेल याचिका के विरोध में कहा सबूतों की रक्षा के साथ ही गवाह की गरिमा और सुरक्षा की भी रक्षा होनी चाहिए। गवाह को प्रभावित किया जा रहा है और उनका अपमान हो रहा है। आरोपी बहुत ताकतवर और प्रभावशाली भी हैं। प्रवर्तन निदेशालय की ऐफिडेविट से ऐसा लग रहा है कि जल्द ही शिकंजा पूर्व वित्त मंत्री के सांसद पुत्र कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी तक पहुंच सकता है। कार्ति को फिलहाल मद्रास हाईकोर्ट से राहत मिली हुई है। चिदंबरम के वकीलों का कहना है कि वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। इसके विरोध में प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि पूर्व वित्तमंत्री का रवैया बहुत असहयोगात्मक है। एंटी मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी का कहना है कि मौजूदा सबूत इस बात के गवाह हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में चिदंबरम प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भागीदार रहे हैं।