नई दिल्ली, यह न्यू इंडिया है, हम लक्ष्यों को जल्द से जल्द पूरा करते हैं यह विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के द्वारा देशवासियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। पीएम मोदी ने कहा कि इस बार 2 अक्टूबर को जब हम बापू की 150वीं जयंती मनाएंगे तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि मैं समाज के सभी वर्गों से और निवासियों से अपील करता हूं कि इस वर्ष गांधी जयंती हमारी इस भारत माता को प्लास्टिक कचरे से मुक्ति देने के रूप में मनाएं। महात्मा गांधी जयंती का दिन एक विशेष श्रमदान का उत्सव बन जाए। कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकान में एक तख्ती लगा दी है। जिस पर यह लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ ले करके ही आएं। इससे पैसा भी बचेगा और पर्यावरण की रक्षा में वे अपना योगदान भी दे पाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे भारत में क्लाइमेट जस्टिस और क्लीन एनवायरमेंट की दिशा में उठाए गए कदमों को अब लोग जानना चाहते हैं। मुझे आशा है कि ‘मेन वर्सेस वाइल्ड’ कार्यक्रम भारत का संदेश, भारत की परंपरा, भारत के संस्कार यात्रा में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, इन सारी बातों से विश्व को परिचित कराने में बहुत मदद करेगा ऐसा मेरा पक्का विश्वास बन गया है। मैंने पहले भी कहा है मैं जरूर कहता हूं आपको। अपने जीवन में नॉर्थ-ईस्ट जरूर जाइए। आप वहां प्रकृति को देखते ही रह जाएंगे। आपके भीतर का विस्तार होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने देखा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कारण यह स्थिति बन गई है कि दुनिया में जिस किसी से भी मिलता हूं तो कोई न कोई योग के संबंध में मेरे से सवाल-जवाब करते ही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश इन दिनों एक तरफ वर्षा का आनंद ले रहा है, तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान के हर कोने में किसी ना किसी प्रकार से उत्सव और मेलों की धूम है। दीवाली तक यही सब चलेगा। कल हिन्दुस्तान में श्रीकृष्ण जन्म-महोत्सव मनाया गया। मित्रता कैसी हो तो सुदामा वाली घटना कौन भूल सकता है हर कोई श्रीकृष्ण के जीवन में से समस्याओं का समाधान ढूंढ सकता है। आज जब मैं आपसे बात करता हूं तो मेरा दो मोहन की ओर ध्यान जाता है एक सुदर्शनचक्रधारी मोहन और दूसरे चरखाधारी मोहन। सुदर्शनचक्रधारी मोहन यमुना तट छोड़कर गुजरात में समुद्र तट पर स्थिर हुए और समुद्रतट पर पैदा हुए मोहन दिल्ली में यमुना किनारे आखिरी सांस लेते हैं। सुदर्शन चक्र धारी मोहन ने उस समय की स्थितियों में हजारों साल पहले युद्ध को टालने के लिए अपनी बुद्धि का अपने अपने सामर्थ्य का उपयोग किया था और चरखाधारी मोहन ने स्वतंत्रता के लिए, मानवीय मूल्यों के जतन के लिए, व्यक्तित्व के मूल तत्व को सामर्थ्य दे इसके लिए आजादी के जंग को ऐसा रूप दिया ऐसा मोड़ दिया जो पूरे विश्व के लिए अजूबा है। निस्वार्थ सेवा का महत्व हो, ज्ञान का महत्व हो या फिर जीवन में तमाम उतार चढ़ाव के बीच मुस्कुराते हुए आगे बढ़ने का महत्व हो यह हम श्रीकृष्ण के संदेश से सीख सकते हैं। इसलिए तो श्रीकृष्ण जगतगुरु कहे जाते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम उत्सवों की चर्चा कर रहे हैं तब भारत एक और बड़े उत्सव की तैयारी में जुटा है। भारत के साथ-साथ दुनियाभर में इसकी चर्चा है। मैं बात कर रहा हूं महात्मा गांधी की 150वीं जयंती की। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने उन किसानों की सेवा की जिनके साथ चम्पारण में भेदभाव हो रहा था। उन मजदूरों की सेवा की जिन्हें उचित मजदूरी नहीं मिल रही थी, गांधी जी ने गरीब, बेसहारा और कमजोर लोगों की सेवा को अपने जीवन का परम कर्तव्य माना। पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरा बहुत ही सौभाग्य रहा है कि मुझे पूज्य महात्मा गांधी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जगहों पर जाकर नमन करने का अवसर मिला है। आपको याद होगा कि पिछले कुछ सालों में हम 2 अक्टूबर से पहले लगभग 2 सप्ताह तक देशभर में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान चलाते हैं। इस बार ये 11 सितम्बर से शुरू होगा।