नई दिल्ली, युवा चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की जोड़ी थाईलैंड ओपन बीडब्ल्यूएफ सुपर 500 बैडमिंटन खिताब जीतने वाली पहली भारतीय पुरुष जोड़ी है। चिराग महाराष्ट्र के रहने वाले हैं तो रंकीरेड्डी आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। दोनों ने इस खिताब से पहले पिछले साल ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीता था। दोनों के साथ आने की कहानी भी दिलचस्प है। भारतीय युगल टीम के पूर्व कोच मलेशिया के तान किम हर ने दोनों की जोड़ी बनाई लेकिन दोनों को शुरू में काफी दिक्कत हुई।
जोड़ी बनने में लगा वक्त
पहले तीन टूर्नामेंट में दोनों पहले ही दौर से बाहर हो गए। इसके बाद सात्विक व चिराग आपस में घुलमिल गए लेकिन कुछ दिन बाद ही चिराग बाइक से गिर गए और उनका टखना फ्रैक्चर हो गया। ऐसे में सात्विक को दूसरे जोड़ीदार के साथ खेलना पड़ा।
भाषा थी समस्या
सात्विक ने कहा कि दोनों के बीच बातचीत में दिक्कत थी उन्हें तेलुगु आती है और वे केवल 50 फीसदी हिंदी ही बोल सकते थे। वह ज्यादा बोलते नहीं थे तो चिराग ने उन्हें शर्मीला लड़का समझ लिया। वहीं चिराग ने कहा कि शुरू में सात्विक बहुत कम हिंदी बोलता था। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हुई।
चावल और आलू के शौकीन हैं सात्विक
सात्विक आलू, चावल और चिकन बिरयानी के शौकीन हैं। वे युगल व मिक्स्ड खेलते हैं ऐसे में उन्हें ज्यादा खाने की जरूरत है। घर पर होने पर वे प्रॉन बिरयानी और आलू फ्राई खाना पसंद करते हैं। वे कहते हैं कि अगर उन्हें अच्छा खाना मिलता है तो वे अच्छा खेलते हैं। चिराग का कहना है कि शुरुआत में उन्हें अपने जोड़ीदार सात्विक की काफी चिंता थी। क्योंकि वह भारतीय खाने के अलावा कुछ नहीं खाता था
चिराग को हुआ था स्लिप डिस्क
कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 से तीन सप्ताह पहले चिराग को स्लिप डिस्क हो गया था। इस दौरान वे बिस्तर पर ही रहे और रैकेट नहीं उठा सकते थे हालांकि इन खेलों में भारत को मिक्स्ड और पुरुष डबल्स में पदक मिले थे।
सात्विक के पिता आर विश्वनाधम 2013 में उन्हें गोपीचंद एकेडमी में लेकर गए थे। उन्होंने कहा था कि कोच कैसा भी हो लेकिन लाभ उठाना। बस भारत की जर्सी पहनना । सात्विक के पिता हाई जंपर रह चुके हैं और स्कूल में फिजिकल एजुकेशन के टीचर हैं। बैडमिंटन में आने से पहले सात्विक ने बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स और क्रिकेट भी खेला है।
चिराग भी 6 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे थे लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने भी बैडमिंटन की राह पकड़ी। वह पढ़ाई में भी काफी होशियार थे1 10वीं में उनके 87 प्रतिशत और 12वीं में 85 प्रतिशत अंक आए थे। उनके पिता चंद्रशेखर शेट्टी ने कहा कि चिराग काफी शर्मीला और विनम्र है। वह आज पैसे कमाता है लेकिन कुछ भी खर्च करने से पहले उनसे पूछता है। चिराग के पिता इंजीनियर है और मां ने कैमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएट कर रखा है।
मिनी गूगल कहलाते हैं चिराग
सात्विक का कहना है वे लोग चिराग को मिनी गूगल कहते हैं। उसका जनरल नॉलेज गजब का है। उसे सब पता होता है। साथ ही उसे कपिल शर्मा का शो देखना भी खूब पसंद है। चिराग को नेटफ्लिक्स पर शो व फिल्में देखना पसंद हैं तो सात्विक पबजी के दीवाने हैं।