नई दिल्ली,केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का आज निधन हो गया। उनका निधन दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से हुआ। वे 60 वर्ष के थे। यह जानकारी सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके दिया। प्रधानमंत्री अपने ऑफिसियल ट्विटर अकांउट से जानकारी दी कि वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे नहीं रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए लिखा, मेरे दोस्त और एक बहुत ही सम्मानित सहयोगी के अचानक निधन से बिल्कुल आश्चर्यचकित हूं। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे के लिए मेरी संवेदना। प्रधानमंत्री मोदी ने दवे की निधन पर शोक जताते हुए लिखा, अनिल माधव दवे जी को एक समर्पित जन सेवक के रूप में याद किया जाएगा। वह पर्यावरण के संरक्षण के प्रति बहुत ही भावुक थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे लिखा, मैं अनिल माधव दवे जी के साथ कल शाम देर तक, प्रमुख नीतिगत मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत नुकसान है।
उल्लेखनीय है कि अनिल माधव दबे का जन्म मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले के बरनागर गांव में 6 जुलाई, 1956 को हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा गुजरात में पूरी की। उन्होंने इंदौर से ग्रामीण विकास एवं प्रबंधन में विशेषज्ञता के साथ वाणिज्य में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज के दिनों में वह एक छात्र नेता थे। इंदौर के गुजराती कॉलेज से एम कॉम करने वाले अनिल शुरुआत से ही संघ से जुड़े हुए थे। नर्मदा नदी बचाओ अभियान में वह लगातार काम कर रहे थे। राज्यसभा में 2009 से वह मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। जल संसाधन समिति और सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार समिति में भी थे। ग्लोबल वार्मिंग पर संसदीय समिति के वह सदस्य रह चुके हैं।