उन्नाव, उन्नाव गैंगरेप मामले के आरोपी और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें अब और बढ़ती दिख रही हैं। दिल्ली की अदालत ने उन्नाव रेप पीडि़ता के पिता की न्यायिक हिरासत में कथित मौत के मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को आरोपी बनाया है। मंगलवार को कोर्ट ने उन पर आरोप तय किए। इस दौरान कोर्ट ने पीडि़ता के पिता को फंसाने और उनकी हत्या के मामले में तीन पुलिसकर्मियों की जमानत भी रद्द कर दी। बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, रेप और पॉक्सो एक्ट की प्रासंगिक धाराओं के भी सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए थे। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने पीडि़ता के पिता को 2018 में सशस्त्र अधिनियम के तहत आरोपी बनाने और उन पर हमला करने के मामले में भी सेंगर और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से उन्नाव दुष्कर्म पीडि़ता और उसके परिजनों के खिलाफ दायर 20 से अधिक मामलों पर रिपोर्ट मांगने से मंगलवार को इनकार कर दिया। अदालत ने आरोप तय करते हुए कहा, सेंगर और उनके सहयोगियों ने उन्नाव बलात्कार पीडि़ता के पिता को चुप कराने के लिए आपराधिक साजिश रची थी ताकि वह शिकायत पर आगे नहीं बढ़ सकें। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बलात्कार पीडि़ता के पिता की कथित हत्या तथा अवैध हथियार रखने के मामले में कथित तौर पर उन्हें फंसाने से जुड़े दो मामलों को जोड़ दिया। अदालत ने सेंगर और नौ अन्य पर आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरह से रोकना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 193 (झूठे साक्ष्य)और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दंडनीय अपराधों का मामला दर्ज किया है। अदालत ने उत्तर प्रदेश के तीन पुलिस अधिकारियों की जमानत भी निरस्त कर दी जिनमें माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, एसआई कामता प्रसाद और कांस्टेबल आमिर खान हैं। अदालत ने उन पर हत्या के आरोप तय करने के बाद हिरासत में भेज दिया। अदालत ने आईपीसी की धाराओं 201, 218 और 466 के तहत भी आरोप तय किए हैं।
उन्नाव गैंगरेप मामले में विधायक सेंगर को कोर्ट ने बनाया आरोपी
