उज्जैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं साध्वी उमा भारती को उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के पुजारी रक्षाबंधन के तोहफे के तौर पर भगवा साडी भेंट करेंगे। पुजारी महासंघ अध्यक्ष पं. महेश पुजारी ने कहा उमा भारती गुरु माता भी हैं और हमारी बहन भी। राखी पर उन्हें यह साड़ी भेंट दी जाएगी। उन्होंने मंदिर की परंपरा को महत्व देते हुए साड़ी पहनना स्वीकार करने के लिए साध्वी उमा जी का आभार भी माना है।
महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश बंद रहने के दौरान भीतर जाने के लिए पुरुषों को सोला व महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है। यह मंदिर की पुरातन परंपरा है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के समय साध्वी उमा भारती की वेशभूषा पर टिप्पणी सनातन संत परंपरा के प्रतिकूल है। उधर इस बारे में परमहंस डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने कहा कि साधु-साध्वी की पोशाक का निर्धारण धार्माचार्यों द्वारा किया जाता है। संत सामाजिक नियम तथा बंधनों से मुक्त हैं।उन्होंने कहा- उमा भारती द्वारा साड़ी पहनना स्वीकार करना उनकी व्यक्तिगत सोच हो सकती है, लेकिन संत परंपरा में कोई भी साध्वी अथवा संत अपनी वेशभूषा से सैद्धांतिक समझौता नहीं कर सकता है। मंदिर की इस परंपरा का कहीं कोई उल्लेख भी नहीं मिलता है।
मालूम हो कि मंगलवार को साध्वी उमा भारती हमेशा की तरह संन्यास परिधान अचला कुर्ता पहनकर गर्भगृह में प्रवेश कर गई थीं। मामले में मीडिया ने पुजारियों से मंदिर की परंपरा के बारे में पूछा तो पुजारियों ने पुरुषों को सोला व महिलाओं को साड़ी पहने की परंपरा बताई। बाद में पत्रकारों ने उमा भारती से मंदिर की परंपरा को लेकर बात की। इस पर उन्होंने आगे से मंदिर की परंपरा का ध्यान रखते हुए साड़ी पहनकर आने की बात कही, साथ ही यह भी जोड़ा की पुजारी अगर उन्हें बहन मानकर साड़ी भेंट करते तो और भी अच्छा लगता। बुधवार को अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष पं. महेश पुजारी ने उमा भारती के लिए साड़ी खरीदी। मीडिया से चर्चा में उन्होंने बताया कि देशभर के लाखों पुजारी भाइयों की ओर से महासंघ ने राखी के अवसर पर यह साड़ी खरीदी है।