नई दिल्ली,वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अध्यक्षता में हुई शनिवार को जीएसटी काऊंसिल की बैठक में एक बड़ा फैसला किया गया। छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए कम्पोजिशन स्कीम में नए फैसले के तहत 50 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर 30 सितंबर तक कम्पोजीशन स्कीम का फायदा उठा सकते है। इसका मतलब साफ है कि अब जीएसटी का भुगतान करने वाला कोई भी सर्विस प्रोवाइडर 30 सितंबर तक यह फैसला कर सकता है कि उस जीएसटी की कंपोजीशन स्कीम में खुद को रजिस्टर कराना है या नहीं।
बता दें कि 50 लाख तक का कारोबार करने वाले सभी सर्विस प्रोवाइडर्स जीएसटी की कंपोजीशन स्कीम में खुद को रजिस्टर करा सकते हैं।इसके बाद जीएसटी कंपोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड होने के बाद उन सर्विस प्रोवाइडर को 6 फीसदी की दर से जीएसटी का भुगतान करना होगा।बता दें कि जीएसटी के तहत ज्यादातर सर्विसेज पर 12 फीसदी और 18 फीसदी का टैक्स लगता है।
शनिवार को हुए फैसले के अनुसार जीएसटी कंपोजीशन स्कीम अब तक सिर्फ उन कारोबारियों और मैन्यूफैक्चर्रस को उपलब्ध थी जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये तक है। इस सीमा को एक अप्रैल से बढ़ाकर 1.5 करोड़ कर दिया गया है। नए फैसले के तहत 50 लाख तक के सालाना टर्नओवर वाले सर्विस प्रोवाइडर 30 सितंबर तक कम्पोजीशन स्कीम का फायदा उठा सकते है। स्कीम के तहत कारोबारियों और मैन्यूफैक्चर्रस को गुड्स पर सिर्फ एक फीसदी जीएसटी देना होता है। वैसे इन गुड्स पर 5 फीसदी, 12 फीसदी या 18 फीसदी का जीएसटी लगता है। इसमें डीलरों को अपने ग्राहकों से जीएसटी लेने की अनुमति नहीं है। जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड 1.22 करोड़ कंपनियों और कारोबारियों में से 17.5 लाख ने जीएसटी कंपोजीशन स्कीम के विकल्प को चुना है।