लखनऊ,समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुसीबतें लगातार बढ़ रही हैं। एक ओर जहां आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय के लिए पट्टे पर दी गई 150 बीघा जमीन का आवंटन रद्द हुआ है वहीं विश्वविद्यालय की ही 65 एकड़ जमीन को सरकार को वापस देने का आदेश जारी हुआ है। इस जमीन को ‘शत्रु संपत्ति’ बताई गई है। मिली जानकारी के मुताबिक रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय के पास 65 एकड़ जमीन इमामुद्दीन नाम के एक शख्स की थी जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए थे। उनकी यह जमीन शत्रु संपत्ति के तौर पर कस्टोडिय़न में दर्ज हो गई थी। आजम खान के ऊपर आरोप है कि उन्होंने यह जमीन रिकॉर्ड में हेराफेरी करके विश्वविद्यालय में शामिल कर ली थी। वहीं जब राजनाथ सिंह गृहमंत्री थे तो यह जमीन बीएसएफ को दो दी गई थी। रामपुर में बीएसएफ का बेस है। जब बीएसएफ के अधिकारी जमीन का पजेशन लेने के लिए वहां जाते तो जिला प्रशासन उनको टरका देता और बीएसएफ को पजेशन नहीं मिल पाया। लेकिन आजम खान का कहना है कि यह जमीन शिया वक्फ बोर्ड में दर्ज है और इसको बोर्ड ने शैक्षिक कार्यो में इस्तेमाल करने के लिए उन्हें पट्टे पर दे रखा है और इस विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उन्हें स्टे भी मिला हुआ है। लेकिन अब अमित शाह के गृहमंत्री बनने के बाद रामपुर के नवाब घराने से ताल्लुक रखने वाले पूर्व एमएलए नवाब काजिम अली खान ने इसकी शिकायत गृह मंत्रालय की थी जिसके बाद यह आदेश आया है। कुल मिलाकर सांसद रमा देवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में फंसे आजम खान की मुश्किलें चारों ओर से बढ़ती जा रही है।