बेंगलुरु,कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने चौथी बार राज्य की बागडोर संभाल लिया हैं। शुक्रवार को कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई ने उन्हें 25वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ दिलाई। मंगलवार को एच डी कुमारस्वामी की सरकार गिरने के तीसरे दिन बाद शुक्रवार को येदियुरप्पा को वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बन गए। शपथ लेने के बाद अब उन्हें 31 जुलाई तक सदन में बहुमत साबित करना होगा। आपको बताते चलें कि कर्नाटक विधानसभा के सदस्यों की संख्या अभी 222 है और 14 विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर को फैसला लेना है।
येदियुरप्पा को सदन में सभी सदस्यों के उपस्थित होने और वोट करने की स्थिति में 112 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। ऐसे में जरूरी है कि बागी विधायक येदियुरप्पा की सरकार के समर्थन में या तो वोट डालें या फिर सदन की कार्यवाही में हिस्सा ना लें। ऐसे में सदन का संख्याबल कम हो जाएगा और येदियुरप्पा सदन में बहुमत साबित कर लेंगे।
गौरतलब है कि पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद येदियुरप्पा सिर्फ दो दिन के मुख्यमंत्री बने थे। पिछले साल मई महीने में आए नतीजों के बाद बीजेपी 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। बीएस येदियुरप्पा ने 17 मई 2018 को सीएम पद की शपथ ली और दावा किया कि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है। मगर 19 मई को बहुमत परीक्षण से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया। बहुमत ना मिलने पर बीजेपी की सरकार दो ही दिन में गिरने के बाद 78 सीटों वाली कांग्रेस और 37 सीटें जीतने वाली जेडीएस ने गठबंधन कर लिया और सरकार गठन के बाद जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे।
लिंगायत समुदाय के इस दिग्गज नेता को किसानों की आवाज उठाने के लिए जाना जाता है। अपने चुनावी भाषणों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसका बार-बार जिक्र भी कर चुके हैं। कला संकाय में स्नातक येदियुरप्पा देश में इमर्जेंसी के दौरान जेल भी गए। उन्होंने समाज कल्याण विभाग में क्लर्क की नौकरी करने के बाद अपने गृहनगर शिकारीपुरा में एक चावल मिल में भी इसी पद पर काम किया था। इसके बाद शिमोगा में उन्होंने हार्डवेयर की दुकान खोली। वर्तमान में शिमोगा लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे येदियुरप्पा 1983 में इस सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे। फिर इस सीट का उन्होंने पांच बार प्रतिनिधित्व किया। 75 वर्षीय बूकानाकेरे सिद्धलिंगप्पा येदियुरप्पा महज 15 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए थे। जनसंघ से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर वह अपने गृहनगर शिमोगा जिले के शिकारीपुरा में बीजेपी के अगुवा रहे। 1970 के दशक की शुरुआत में वह शिकारीपुरा तालुक से जनसंघ प्रमुख बने।