कागरिल के अमर शहीदों को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने नमन किया

नई दिल्ली, करगिल विजय दिवस को शुक्रवार को 20 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेनाओं का नमन करते हुए उन अमर शहीदों का स्मरण किया, जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, लेकिन देश का माथा नहीं छुकने दिया। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर अमर शहीदों के पराक्रम को याद करते हुए पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
करगिल विजय दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्रास पहुंचकर नेशनल वार मेमोरियल पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख विपिन रावत ने कारगिल शहीदों को द्रास पहुंच कर श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा कि करगिल विजय दिवस के मौके पर राष्ट्र 1999 में करगिल की ऊंचाइयों पर देश की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों की वीरता को नमन करता है। हम उन लोगों के धैर्य और वीरता को सलाम करते हैं, जिन्होंने भारत की रक्षा की, जो कभी लौटकर नहीं आए, उनका कर्ज देश कभी नहीं चुका पाएगा। उप-राष्ट्रपति वैंकया नायडू ने वीर सैनिकों को याद करते हुए कहा कि आपकी वीरता आज भी लोक स्मृति में जिंदा है। आपके बलिदान को भावी पीढ़ियां श्रद्धापूर्वक याद करेंगी।
इस दौरान पीएम मोदी ने भी ट्वीट किया, ‘करगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों को मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीट के साथ डेढ़ मिनट का एक वीडियो भी शेयर किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कुछ पुरानी तस्वीरें ट्वीट करते हुए बताया कि युद्ध के दौरान करगिल जाने का मौका मिला था।
पीएम मोदी ने लिखा-1999 में करगिल युद्ध के दौरान मुझे करगिल जाने का और वीर जवानों के साथ एकजुटता दिखाने का मौका मिला था। यह वह समय था, जब मैं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में पार्टी के लिए काम कर रहा था। कारगिल का वह दौरा और उस दौरान जवानों से हुई मुलाकात कभी भुला नहीं सकूंगा।
कारगिल विजय दिवस के मौके पर कांग्रेस ने देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा-आज ही के दिन हमारे वीर सैनिकों ने अपने पराक्रम से पाकिस्तान को युद्ध में परास्त कर पूरे विश्व को स्वाभिमानी और साहसी होने का संदेश दिया था। कारगिल विजय का हिस्सा रहे सभी सैनिकों को नमन।
उल्लेखनीय है कि भारत ने 26 जुलाई 1999 को करगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। करगिल युद्ध में भारत की जीत के बाद से हर साल 26 जुलाई को कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान में करगिल विजय दिवस का आयोजन किया जाता है। करगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है। भारत और पाकिस्तान के बीच मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में लगभग 60 दिन तक सशस्त्र संघर्ष हुआ था।
इस युद्ध का 26 जुलाई को अंत हुआ था। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्जेवाली जगहों पर जोरदार हमला किया और पाक सेना को सीमा पार लौटने पर विवश कर दिया था। यह युद्ध बेहद ऊंचे इलाके पर हुआ और इसमें दोनों देशों की सेनाओं को लड़ने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ सेना की ओर से की गई कार्रवाई में भारतीय सेना के 527 जवान शहीद हुए जबकि करीब 1363 घायल हुए थे। इस युद्ध में पाकिस्तान के करीब तीन हजार सैनिक मारे गए थे, मगर पाकिस्तान ने केवल 357 सैनिक मारे जाने की बात ही स्वीकारी है।

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