नई दिल्ली,दिल्ली उच्च न्यायालय ने उपहार अग्निकांड मामले में अंसल बंधुओं की याचिका को खारिज कर दी है। अदालत ने अंसल बंधुओं समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। सुशील और गोपाल अंसल पर अब उपहार कांड में सबूतों और दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला चलेगा। उच्च न्यायालय
ने उन्हें आपराधिक षडयंत्र रचने के अलावा धारा 420, 201 और 109 के तहत दोषी करार दिया है। दरअसल पटियाला हाउस में सबूतों से छेड़छाड़ के बाद जब अंसल बंधुओं के खç¸लाफ निचली अदालत ने अभियोग लगाए थे , तो वे हाईकोर्ट गए थे। उच्च न्यायालय ने सुशील और गोपाल अंसल के अलावा पटियाला हाउस कोर्ट के दो कर्मचारियों और अंसल बंधुओं के तीन कर्मचारियों को भी सबूतों और दस्तावेजों से छेड़छाड़ के मामले मे ट्रायल चलाने का आदेश दिया है। ये वो दस्तावेज थे, जिनसे यह साबित हो रहा था कि अंसल ब्रदर्स की मर्जी के बिना उपहार सिनेमा हॉल में एक पत्ता भी नही हिल सकता था। सभी आर्थिक मामलों में उन्हीं की हिस्सेदारी और स्वामित्व था। लेकिन कोर्ट मे जिरह के दौरान अंसल ब्रदर्स के वकीलों ने ये साबित करने की कोशिश की कि 1988 के बाद उनका उपहार सिनेमा हॉल मे कोई दखल नही था, जबकि उपहार कांड 1997 में हुआ था। गौरतलब है कि उपहार सिनेमा हॉल के अग्निकांड में सैकड़ों लोग बॉर्डर फिल्म देखते समय मारे गए थे। उपहार कांड में दोनों बच्चे गवां चुकीं नीलम कृष्णमूर्ति कहती है कि हाइकोर्ट के आज के आदेश से वह संतुष्ट हैं, लेकिन मुकदमा अदालत में भी मामला एक डेढ़ साल में पूरा होना चाहिए, जिससे न्याय समय पर मिल सके। इस मामले में चार्जशीट 10 साल पहले ही लगा दी गई है, लेकिन हमें उम्मीद है कि अब इस पर अदालत जल्द फैसला देगी।