तेंदूखेड़ा,मिट्टी में पोषक तत्वों की जांच कराये जाने को लेकर विधायक संजय शर्मा के अथक प्रयासों से तेंदूखेड़ा में बने मृदा परीक्षण केन्द्र का निर्माण हो जाने के उपरांत विभागीय ढुलमुल रवैया के चलते प्रारंभ न हो पाना क्षेत्र में जनचर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब रहे कि तेंदूखेड़ा क्षेत्र के किसानों को उनकी जमीनों में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की जांच कराकर कर्मियों को दूर कर अच्छी उपज लेने की मंशा से तेंदूखेड़ा तहसील मुख्यालय के कृषि उपज मंडी परिसर में मृदा परीक्षण केन्द्र भवन का निर्माण 30 लाख से अधिक की राशि से कराया गया है। लेकिन इस भवन की संचालन व्यवस्था का लेकर अधिकारियों कर्मचारियों की नियुक्ति न हो पाने के कारण यह केन्द्र केवल शोभा की सुपाड़ी बनकर रह गया है। लम्बे समय से निर्मित पड़े इस भवन में जहां नये बस स्टेंड के साथ साथ आधा दर्जन से अधिक अधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति और सामग्री आना शेष है। लेकिन इस गतिविधि का अभी तक कोई अता पता नहीं चल पा रहा है। चूंकि तेंदूखेड़ा में किसी भी प्रकार का कृषि से संबंधित कोई कार्यालय नहीं है। इसलिये आवश्यक है कि आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को कृषि से संबंधित आवश्यक जानकारियों के आदान प्रदान को दृष्टिगत रखते हुये और किसानों की सुविधा का लेकर इस कार्यालय में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को बिठाला जावे। वहीं साप्ताहिक बाजार शनिवार के दिन हजारों की संख्या में किसान तेंदूखेड़ा पहुंचते है। जिन्हें उचित सलाह एवं मार्गदर्शन उनके अनुरूप मिल सके। इसलिये उक्त अधिकारी कर्मचारियां को केन्द्र में ही प्रत्येक शनिवार के दिन प्रमुख रूप से उपस्थित रहने के लिये निर्देशित कराया जावे।
नहीं है पर्याप्त कर्मचारी
गौरतलब रहे कि तेंदूखेड़ा क्षेत्र पूर्णत: कृषि पर आधारित क्षेत्र है एवं कृषि ही यहां का एक मात्र मुख्य व्यवसाय है किसानों को समय समय पर आवश्यक मार्गदर्शन सलाह की आवश्यकता जरूरत हुआ करती है। लेकिन सोचनीय विषय तो यह है कि यहां पर पर्याप्त कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी न होने की स्थिति में भगवान भरोसे काम चल रहा है। स्मरण रहे कि चांवरपाठा विकासखंड के 232 ग्रामों में मात्र 8 ग्रामीण विस्तार अधिकारी शेष बचे हुये है। जो अपने बलबूते पर एक दर्जन से भी अधिक ग्रामों का प्रभार लेकर बैठे है। तहसील मुख्यालय तेंदूखेड़ा जैसी जगह में यहां पर प्रभार से काम चलाया जा रहा है। एवं मात्र 3 कर्मचारी ही यहां पर कृषि विभाग से संबंधित गतिविधियों को अंजाम देकर काम चला रहे है। अनेकों बार विभागीय उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिये जाने के बाद भी उचित कार्यवाही न हो पाना सोचनीय विषय बना हुआ है।