जामनगर, जामजोधपुर के 1990 के कस्टोडियल डेथ केस में जामनगर की कोर्ट ने निलंबित आईपीएस संजीव भट्ट और पुलिस कांस्टेबल प्रवीणसिंह झाला को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि अन्य पांच आरोपियों को एक घंटे बाद सजा का ऐलान किया जाएगा. गत 12 जून को सुप्रीम कोर्ट ने हिरासत में मौत के 29 साल पुराने एक मामले में 11 अतिरिक्त गवाहों का परीक्षण करने का अनुरोध करने वाली बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की याचिका पर विचार करने से इंकार कर दिया था. संजीव भट्ट ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि इस मामले में उचित और निष्पक्ष फैसले तक पहुंचने के लिए इन 11 गवाहों का परीक्षण जरूरी है. लेकिन गुजरात पुलिस ने उनकी याचिका का कड़ा विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि यह मामले के फैसले में विलंब करने का हथकंडा है. गुजरात पुलिस की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 1990 में हिरासत में मौत के इस मामले में अंतिम बहस पूर्ण हो चुकी है और निचली अदालत 20 जून को इस पर फैसला सुनाने वाली है.