भोपाल, प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को एक पत्र में कहा है कि वे जनहित से जुड़े किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए सदैव तैयार हैं। दरासल गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को पत्र लिख कर विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का अनुरोध किया था।
इस पत्र का जबाव देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मुझे ऐंसा प्रतीत होता है कि लोकसभा निर्वाचन में व्यस्ताओं के चलते आप नागरिकों से जुड़ी सेवाओं और समस्याओं की ओर संभवत: ध्यान नहीं दे पाये हैं और अनभिज्ञ हैं, जिस कारण आप ने ऐसा अनुरोध किया है। वस्तुस्थिति यह है कि गत 17 दिसम्बर 2019 से प्रदेश में हमारी सरकार के गठन के तत्काल बाद से ही हमने जनकल्याण के विषयों में तत्काल कार्य आरंभ कर दिया था। 10 मार्च 2019 को आर्दश आचरण संहिता प्रभावशील होने के समय तक हमारी सरकार को लगभग ढाई माह का समय कार्य हेतू प्राप्त हुआ और हमने जन – कल्याण के लिए महत्वपूर्ण फैसले किये। हमने 73 दिन में 85 वचन पूरें किए हैं। जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण फैसला किसानो के कर्ज माफी को लेकर किया गया। हमने 21 लाख से अधिक किसानों के कर्ज माफ किये है। हमने भावांतर और गेंहू पर प्रोत्साहन योजना का लाभ किसानो को देना जारी रखा है। हमने आज दिनांक तक 11.06 लाख किसानो से 68 लाख टन से अधिक गेंहू, चना मसूर और सरसो का उपार्जन किया है। किसानो को उनके खाते में सात दिन के अंदर भुगतान कर रहे हैं। आप भूले नहीं होगे की विगत वर्ष भुगतान की स्थिति क्या थी ? किसान भुगतान के लिए महीनो परेशान थे।
उन्होने आगे लिखा है कि संवल एवं अन्य योजनाएं भी सतत् रुप से संचालित है और नागरिकों को निरंतर इसका लाभ मिल रहा है। इस योजना के लाइव पोर्टल पर आप योजना की प्रगति देख सकते हैं।
मुख्यमंत्री के अनुसार हमने पेयजल की उपलब्धता के लिए हर संभव प्रयास किये हैं और नगरीय एवं ग्रामीण क्षेंत्रों में पेयजल परिवहन के लिए आवश्यक राशि उपलब्ध कराई है। पेयजल की कोई समस्या नहीं है।
इसी तरह से कानून व्यवस्था की स्थिति प्रदेश में नियंत्रण में है और यही कारण है कि लोकसभा निर्वाचन बिगत निर्वाचनों की तुलना में पूरी शान्ति से संपन्न हुए। हमने कानून व्यवस्था पर अच्छी तरह से नियंत्रण किया हुआ है। जो भी अपराधिक घटनाएं हुई है उसमें तत्काल कार्यवाही की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बिना किसी तथ्यों की जानकारी के मात्र अनुमान तथा कल्पना के आधार पर माननीय राज्यपाल महोदया को पत्र लिखा है, हम जनहित से जुड़े किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, यदि शासन से जुड़ी हुई कोई भी शंका या प्रश्न उनके मन में हो तो उसका समाधान करने से मुझे खुशी होगी।