शिवपुरी, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी द्वारा देश में अधिक से अधिक शौचालय बनाने के ड्रीम प्रोजेक्ट को पेयजल अनुपलब्धता के नाम पर निशाने पर लेने वाली महिला आईएएस दीपाली रस्तोगी और भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल को सोमवार को केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अप्रत्यक्ष तौर पर आड़े हाथों लिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केवल टेबिल पर बैठकर विचार व्यक्त करने से कुछ नहीं होता, यह लोग दो-चार शौचालय ही बनवा दें, यही बहुत है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान देश की आवश्यकता है। इसे व्यक्ति विशेष से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।
करैरा में यह बात केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में कही। करैरा में पत्रकारों ने नरेंद्र सिंह तोमर से यह पूछा था कि देश में मोदी सरकार अधिक से अधिक शौचालय बनाने की बात करती है लेकिन कई ग्रामीण इलाकों में पीने को पानी नहीं है तो शौचालय के लिए पानी कहां से लाएंगे। पिछले दिनों प्रदेश की महिला आईएएस दीपाली रस्तोगी और भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल ने भी पानी की अनुपब्धता पर सवाल उठाते हुए मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को निशाने पर लिया था। इस पर अपनी प्रतिक्रिया में केंद्रीय पंचायत मंत्री तोमर ने कहा कि इनके विचारों का कोई महत्व नहीं है। तोमर ने दीपाली रस्तोगी और प्रहलाद पटेल को अप्रत्यक्ष तौर पर निशाने पर लेते हुए कहा कि पानी नहीं है तो क्या खुले में शौच जाना चाहिए। खुले में शौच का कोई समर्थन नहीं करेगा। कुल मिलाकर श्री तोमर पानी की अनुपलब्धता पर शौचालय निर्माण रोकने की बात से असहमत नजर आए।
गौरतलब है कि प्रदेश की आईएएस अफसर दीपाली रस्तोगी ने खुले में शौच (ओडीएफ) अभियान को औपनिवेशिक मानसिकता से ग्रस्त करार दिया था। पिछले दिनों उन्होंने एक अखबार में छपे लेख में कहा था कि यह योजना उन गोरों के कहने पर लाई गई, जिनकी वॉशरूम हैबिट भारतीयों से अलग है। उन्होंने कहा था कि अगर गोरे कहते हैं कि खुले में शौच करना गंदा है तो हम इतना बड़ा अभियान ले आए, लेकिन हम मानते हैं कि टायलेट पर पानी की जगह पेपर का उपयोग करना गंदा होता है तो क्या वे कल से पानी लेकर टायलेट जाने लगेंगे। इस महिला आईएएस की कुछ बातों का समर्थन प्रदेश के भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल ने भी किया था। उन्होंने भी शौचालयों के लिए पानी की उपलब्धता की बात कही थी।