नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं से ‘कंफर्ट जोन से बाहर निकलने का आह्वान करते हुए कहा कि स्पर्धा के इस दौर में कभी-कभार ऐसा लगता है कि युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं बन रही है। पीएम मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात में कहा, नौजवान दोस्तों, कुछ बातें मैं आपके साथ भी करना चाहता हूं। मुझे कभी-कभी चिंता होती है कि हमारी युवा पीढ़ी में कई लोगों को कंफर्ट जोन में जीने में मजा आता है। मां-बाप भी एक रक्षात्मक अवस्था में ही उनका लालन-पालन करते हैं। कुछ लोग अलग होते हैं, लेकिन यादतार कंफर्ट जोन वाले नजर आते हैं। मोदी ने कहा- मैं जानता हूं कि गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं और आप लोगों ने घूमने की योजनाएं बना ली होंगी। ऐसे में मैं आपको तीन सुझाव देता हूं जिन पर आप अमल कर सकते हैं। चाहें तो किसी एक सुझाव पर अमल करके देखिए। मेरे सुझाव हैं कि छुट्टियों में आप नए स्थान, नए अनुभव और नए कौशल का प्रयास करिए। मुझे इस बात की चिंता हो रही है कि प्रौद्योगिकी दूरियां खत्म करने के लिए आई, लेकिन देखा जा रहा है कि एक ही कमरे में घर के छह लोग बैठे हैं और दूरियां इतनी हैं कि कल्पना नहीं की जा सकती। इतनी दूरियां क्यों हैं? सामूहिकता एक संस्कार है और सामूहिकता एक शक्ति है। प्रधानमंत्री ने कहा, यह स्पर्धा का युग है। आप परीक्षाओं में इतने डूबे रहते हैं। अच्छा से अच्छा अंक हासिल करने के प्रयास में लगे रहते हैं। कभी-कभी डर लगता है कि हमारी युवा पीढ़ी रोबोट तो नहीं हो रही है और मशीन की तरह जिंदगी तो नहीं गुजार रही है। उन्होंने कहा, दोस्तों, जीवन में बहुत कुछ बनने का सपना देखना अच्छी बात है, लेकिन यह भी देखिए कि आपके भीतर का मानवीय पहलू कुंठित तो नहीं हो रहा। हम मानवीय गुणों से दूर तो नहीं जा रहे हैं। कौशल विकास में इस पहलू पर थोड़ा बल दिया जा सकता है।
छुट्टियों में युवा ये करें
नया अनुभव करें, जिसके बारे में न सुना है, न जानते हैं, नई जगहों पर जाएं। पीएम ने कहा कि जो भी जानने की इच्छा है उसके बारे में कुछ करें। पीएम ने कहा कि रिजर्वेशन किए बिना, टिकट लेकर यात्रा करें। 24 घंटे का सफर करें। अनुभव करें। क्या लगता है। कभी तो अनुभव करें। बिना सोए। भीड़ भाड़ का अनुभव करें। गरीब बस्ती में अपने खेल का सामान लेकर जाएं। नया अनुभव होगा। गरीब लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आएगा। एक बार जाएंगे। बार बार जाने का मन करेगा। कई एनजीओ ऐसा काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि तकनीक दूरियां कम करने के लिए आई। लेकिन आज उल्टा हो रहा है, एक घर में लोग दूर हो रहे हैं। स्किल बढ़ाने के लिए युवाओं को कुछ करना चाहिए। वैकेशन में कुछ नया करें। पीएम ने कहा कि जीवन में कुछ बनने का सपना अच्छी बात है, लेकिन अपने भीतर के इंसान को कुंठित न होने दें। मानवीय गुणों से दूर तो नहीं हो रहे हैं। तकनीक सीखें, संगीत सीखें, अन्य भाषाएं सीखें। भारत में तमाम विविधताएं हैं। स्वीमिंग नहीं आती तो सीखें, ड्राइंग सीखें, कुछ लाभ तो मिलेगा। नया कुछ भी करें।
दिमाग से भी लाल बत्ती जानी चाहिए
1 मई से अफसरों, नेताओं का लाल बत्ती लगाना प्रतिबंधित हो चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों में वीआईपी कल्चर से नाराजगी है। इसका अनुभव इसे हटाने के बाद हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि बत्ती गाड़ी पर लगती थी लेकिन मन में घुस जाती थी। दिमाग में जो बत्ती घुसी उससे निकलने में थोड़ा वक्त लगता है।