महाराष्ट्र में कड़े मुकाबले में फंसा बीजेपी-सेना गठबंधन कल 17 सीटों पर डाले जायेगे वोट

मुंबई, महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट के लिए तीन चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और कल सोमवार को चौथे चरण का मतदान होने वाला है. चौथे चरण में मुंबई की 6, ठाणे जिले की 3 तथा पालघर जिले की 1 समेत राज्य की कुल 17 सीटों के लिए मतदान होने वाले हैं. पिछले बार प्रचंड मोदी लहर के बूते गठबंधन को महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 41 सीटें मिली थीं (+1 अन्य सीट) और कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस जैसे प्रमुख दल अन्य वाले कॉलम में चले गए थे. अब जबकि चौथे चरण के लिए राज्य की 17 सीटों- नंदूरबार, धुले, डिंडोरी, नासिक, पालघर, भिवंडी, कल्याण, ठाणे, मुंबई उत्तर, मुंबई उत्तर-पश्चिम, मुंबई उत्तर-पूर्व, मुंबई उत्तर-मध्य, मुंबई दक्षिण-मध्य, मुंबई दक्षिण, मावल, शिरूर, शिर्डी पर मतदान होने जा रहा है, तो सबकी सांसें अटकी हुई हैं कि आखिर ऊंट किस करवट बैठेगा! क्योंकि चौथा चरण संपन्न होने के बाद महाराष्ट्र की सभी सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका होगा. इस आखिरी चरण में पिछले हर चरण के मुकाबले सबसे ज्यादा सीटों पर (पहले चरण में 7, दूसरे चरण में 10, तीसरे चरण में 14, चौथे चरण में 17) मतदान होना है. यानी सभी राजनीतिक दलों ने पिछले चरणों के मतदान का फीडबैक मिलने के बाद आखिरी चरण में अपना-अपना स्कोर बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बड़ी मुसीबत यह है कि 2014 में जो लोग नरेंद्र मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे, वे अब कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस गठबंधन से हाथ मिला चुके हैं. राज ठाकरे की मनसे, राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकरी संगठन पार्टी, नारायण राणे का स्वाभिमानी संगठन और रवि राणा का युवा स्वाभिमानी संगठन आदि ऐसी पार्टियां हैं, जो अब भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ खुल कर खड़ी हैं. राज ठाकरे की मनसे इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है, लेकिन स्वयं राज ठाकरे पूरे महाराष्ट्र में अपनी रैलियों में बाकायदा मोदी के पिछले भाषण दिखाकर तब और अब वाली स्टाइल में मोदी-शाह की जोड़ी को उखाड़ फेंकने का आवाहन कर रहे हैं! आखिरी चरण से ठीक पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का शहीद हेमंत करकरे के अपमान वाला बयान बीजेपी-शिवसेना के लिए सबसे बड़ा सरदर्द बनकर उभरा है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज्य में इसकी प्रतिक्रिया का नुकसान समझते हैं, इसीलिए उन्हें बयान देना पड़ा कि प्रज्ञा ठाकुर को संयम बरतना चाहिए क्योंकि हेमंत करकरे एक ईमानदार और बहादुर अधिकारी थे और महाराष्ट्र पुलिस सेवा में उनका योगदान सराहनीय था. लेकिन चौथे चरण के मतदान से पहले उनके पानी डालने से शहीदों के अपमान की आग कितनी ठंडी होगी, अभी कहा नहीं जा सकता. चौथे चरण में मुंबई, ठाणे और पालघर जिले की कुल मिलाकर 10 सीटें हैं, जहां प्रज्ञा ठाकुर के बयान को लेकर लोगों में बीजेपी के खिलाफ माहौल बन रहा है. बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने 2014 के चुनाव में ये सभी सीटें जीत ली थीं. ये सब महानगरीय माहौल की सीटें हैं, जहां मतदाता सोशल मीडिया से बड़े पैमाने पर जुड़ा हुआ है.
आपको बता दें कि इस लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में एक और सोशल इंजीनियरिंग की कोशिश हुई है और नए समीकरण के तहत संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर और आल इंडीया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदउद्दीन ओवैसी का बहुजन वंचित आघाड़ी नामक गठबंधन बना है. महाराष्ट्र में मुसलिम आबादी 11% और दलित लगभग 6.6% हैं. यदि ये दोनों मिल जाएं, तो वाकई सत्ता का समीकरण बदल कर रख दें.  इसके घोषणा पत्र के वादे लोकसभा चुनाव के स्तर के नहीं, किसी नगर निगम के चुनाव की तर्ज पर हैं, दूसरे ओवैसी की ख्याति बीजेपी की बी टीम के रूप में फैल चुकी है. एक संयोग यह भी है कि अभी-अभी आंबेडकर जयंती मनाई गई है, जिसमें हफ्तों तक चलने वाले कार्यक्रमों में शोषक जातियों के खिलाफ माहौल को काफी चार्ज किया जाता है. बहरहाल चुनावी नतीजे तो 23 मई को आएंगे, लेकिन इतना तय है कि उत्तर प्रदेश के बाद देश के सबसे ज्यादा सीटों वाले महाराष्ट्र का लोकसभा चुनाव केंद्र और राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए इस बार किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है.

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