लखनऊ,उत्तर प्रदेश में 1992 के राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती अब लोकसभा चुनाव की रेस से बाहर हो चुके हैं। इस स्थिति में अब हिंदू मतदाताओं को पार्टी के साथ जोड़े रखने की जिम्मेदारी अब काफी हद तक साक्षी महाराज और साध्वी निरंजन ज्योति पर आ गई है। साक्षी महाराज और साध्वी निरंजन ज्योति दोनों रामजन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा रहे हैं।
बुंदेलखंड और अवध क्षेत्र में इस बार हिंदूवादी मतदाताओं को भाजपा के साथ जोड़े रखने की जिम्मेदारी काफी हद तक साक्षी महाराज और निरंजन ज्योति पर है। हालांकि पार्टी में इस बात को लेकर मतभेद है कि क्या मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती की तरह ये पार्टी को उस मुकाम तक ले जा पाएंगे। ऐसा इसलिए भी कि चौथे और पांचवें चरण में इन दोनों ही क्षेत्रों में विपक्ष की तरफ से राहुल गांधी, सोनिया गांधी और डिंपल यादव जैसे मजबूत दावेदारी सामने है।
उधर, साध्वी अपने भाषणों में हिंदुत्व का मुद्दा लगातार उठाती रही हैं। साध्वी ने पिछले दिनों ही कहा था, आतंकवादी कभी हिंदू नहीं हो सकता और जो हिंदू होगा वह आतंकवादी नहीं होगा। वर्ष 2002 में हमीरपुर से चुनावी मैदान में उतरने के बाद साध्वी के खिलाफ कोई भी केस दर्ज नहीं है। उधर, साक्षी महाराज पर वोटरों को धमकी देने तक का आरोप लग चुका है।
…इसलिए बुंदेलखंड को चुना था प्रियंका ने
यहां एक गौर करने वाली बात यह भी है कि मुरली मनोहर जोशी ब्राह्मण समाज से हैं, तो वहीं साध्वी और साक्षी ओबीसी समुदाय से हैं। ओबीसी के साथ-साथ कट्टर हिंदुत्व की इनकी छवि ने 2014 और 2017 में भाजपा को मजबूत किया है। यही वजह है कि प्रियंका गांधी ने रणनीति के तहत ही अपने चुनावी अभियान की शुरुआत के लिए बुंदेलखंड का हिस्सा चुना।
निरहुआ का भी किया जाएगा इस्तेमाल
एक तरफ जहां सपा और बसपा जातीय समीकरणों पर जोर दे रहे हैं, भाजपा इस क्षेत्र में साध्वी और साक्षी पर अधिक निर्भर है। इसके अलावा हेमा मालिनी, जया प्रदा, स्मृति इरानी और हाल ही में पार्टी में शामिल हुए भोजपुरी फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता निरहुआ का भी इस्तेमाल किया जाएगा। निरहुआ को भाजपा ने आजमगढ़ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है।
उमा की जगह अनुराग पर दांव
बुंदेलखंड में उमा भारती की जगह पार्टी ने अनुराग शर्मा पर दांव लगाया है। वैद्यनाथ आयुर्वेद परिवार और आरएसएस बैकग्राउंड वाले अनुराग शर्मा के जरिए भाजपा यहां अलग तरह की राजनीति को आगे बढ़ाने में जुटी है। फिलहाल राम मंदिर का मुद्दे को भाजपा यहां छोड़ती दिख रही है।
हिंदुत्व हमारा प्राण, हिंदुत्व हमारा जीवन
उधर, भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी साक्षी महाराज और साध्वी का इस्तेमाल छठे और सातवें चरण में हिंदू मतदाताओं को भुनाने के लिए कर सकती है। साक्षी महाराज कहते रहे हैं, हिंदुत्व हमारा प्राण है, हिंदुत्व ही हमारा जीवन है। अब हिंदू मतदाताओं को साध्वी निरंजन ज्योति और साक्षी महाराज कितना साध पाते हैं, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे। फिलहाल मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के बाद पार्टी को रामजन्मभूमि से उभरे इन नेताओं पर इसे लेकर काफी उम्मीदें हैं।