भोपाल, प्रदेश की राजनीति में सुर्खियां बटोर रहे ई-टेंडरिंग घोटाले में ऑस्मो कंपनी के तीनों डायरेक्टरों को पुलिस ने रिमांड पर ले लिया है और उनसे पूछताछ भी हुई है। ई-टेंडरिंग घोटाले में ईओडब्ल्यू की जांच के चौथे दिन ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन्स के कार्यालयों पर कार्रवाई पूरी हो गई। कुछ कार्यालय कार्रवाई पूरी होने के बाद बंद कर दिए गए और एक दफ्तर को छोड़कर अन्य जगह ताले लगा दिए गए। सूत्रों के मुताबिक ई-टेंडरिंग घोटाले में डिजिटल सिग्नेचर का डोंगल बनाकर सप्लाई करने वाली ऑस्मो आईटी साल्यूशन्स के यहां शनिवार को भी छापे की कार्रवाई हुई। कंपनी के संचालकों वरुण चतुर्वेदी, विनय चौधरी, सुमित गोलवलकर को भी मानसरोवर स्थित कंपनी के कार्यालयों में ले जाया गया। कंपनी के मानसरोवर में अलग-अलग ऑफिस हैं, जहां चार दिन से कार्रवाई चल रही थी। शनिवार को सभी कार्यालयों से कंप्यूटर के सीपीयू, मोडम आदि जब्त कर लिए गए। हर एक कंप्यूटर की हैस वेल्यू लेने के बाद जब्ती की कार्रवाई को समाप्त किया गया। इधर, गत दिनों अदालत से पुलिस रिमांड पर सौंपे गए कंपनी के तीनों संचालकों से दिन में जांचकर्ता अधिकारियों ने पूछताछ की। सूत्र बताते हैं कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उनसे पूछताछ की। उल्लेखनीय है कि ईओडब्ल्यू संचालकों से पूछताछ में यह जानने का प्रयास कर रही है कि उन्होंने टेंडर में फायदा पहुंचाने वाली सात कंपनियों को किस तरह मदद की। मदद के लिए उन्हें नेता-अफसरों का दबाव तो नहीं था। ऑस्मो आईटी साल्यूशन्स के संचालकों से पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू के पास अभी रविवार का दिन अंतिम है। मालूम हो कि भाजपा नेताओं का मानना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ई-टेंडरिंग घोटाले के माध्यम से पार्टी पर दबाव बनाने के प्रयास कर रही है। नेताओं का कहना है कि इससे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में कोई फायदा नहीं होने वाला है।