भोपाल, प्रदेश में अब आय, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र बनवाना महंगा हो गया है। प्रदेश भर में चल रहे लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से मिल रही करीब 400 से अधिक सेवाओं के लिए अब 30 की जगह 40 रुपए देने होंगे। दरअसल ई-गवर्नेंस सोसायटी ने केंद्रों की फीस में 33 प्रतिशत की वृद्घि कर दी है। यह व्यवस्था एक अप्रेल से लागू होनी थी, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगे होने तथा केंद्रों की चल रही टेंडर प्रक्रिया के तहत अब नए रेट जून माह में ही लागू होंगे। हालांकि लोक सेवा केंद्रों की फीस वृद्घि का सीधा असर जनता पर ही पड़ेगा। आय, मूल निवासी जैसे सेवाओं को पाने के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को 30 की जगह 40 रुपए देना महंगा ही पड़ेगा।
इधर सूत्रों की माने तो यह फीस वृद्घि केवल केंद्र संचालकों को लाभ पहुंचाने के लिए की गई है। भोपाल ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के लोक सेवा केंद्रों को रिन्यु नहीं किया जा रहा है। अब इन सभी केंद्रों के संचालन के लिए दोबारा टेंडर मंगवाए जा रहे हैं। पहले टेंडर डालने की अंतिम तारीख मार्च माह के अंतिम सप्ताह में थी, लेकिन लोकसभा की आचार संहिता के चलते इस तारीख को बढ़ाकर अब 25 मई कर दिया गया है। जून माह तक सभी केंद्रों के टेंडर खोलकर नए संचालकों को सौंप दिए जाएंगे। तब तक इन केंद्रों का संचालन पुराने संचालक ही करेंगे। लोक सेवा केंद्र प्रबंधक प्रसून सोनी ने बताया कि केंद्रों में बढ़े हुए रेट लागू होने में अभी समय लगेगा। आचार संहिता के बाद ही यह प्रभावी हो सकेंगे। 1ृ0 रुपए की जो फीस वृद्घि हुई है, उसका लाभ ई-गवर्नेंस सोसायटी को नहीं मिलेगा। पूर्व ही तरह ही उन्हें 5 रुपए ही मिलेंगे, जबकि केंद्र संचालक को अब 35 की जगह 35 रुपए की राशि मिलेगी। 10 रुपए की यह वृद्घि स्टेशनरी, कम्पयूटर संचालन, बिजली बिल व अन्य सुविधाओं के लिए दी गई है।