तेज गर्मी और लू का असर, उल्टी-दस्त बुखार एवं आंख में दर्द के मरीज बढे

भोपाल, राजधानी के अस्पतालों में तेज गर्मी और लू के चलते उल्टी-दस्त, पेट दर्द व बुखार, आंख में दर्द के मरीज बहुत ज्यादा बढ गए हैं। कल जेपी अस्पताल की ओपीडी में सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक 1180 मरीज आए। इनमें मेडिसिन में 130, शिशु रोग में 60, नेत्र विभाग व अन्य विभागों को मिलाकर मौसमी बीमारी से पीड़ित लगभग 300 मरीज थे। जेपी अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. राकेश श्रीवास्तव के मुताबिक, कुल मरीजों में 20 से 30 फीसदी उल्टी, दस्त, पेट दर्द व बुखार के आ रहे हैं। जेपी अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभा खोत के अनुसार, बच्चों में बुखार व पेट दर्द की तकलीफ के कुल में 30 फीसदी मरीज हैं। हमीदिया अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आरएस जगत ने कहा कि सोमवार को उनकी ओपीडी में करीब 10 मरीज मौसमी बीमारी वाले पहुंचे। हमीदिया अस्पताल में रोजना 300 से 400 मरीज उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बुखार, टायफाइड, पीलिया व आंख में तकलीफ के आ रहे हैं। वहीं जेपी अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. केके अग्रवाल की माने तो तेज धूप और गर्मी के चलते आंखों में एलर्जी के मरीज बढ़ गए हैं। एलर्जी और गर्मी में आंखों का पानी सूखने की वजह से आंखें लाल, खुजली, चुभन और सूजन की तकलीफ लेकर मरीज आ रहे हैं। 20 फीसदी मरीज इसी तरह की शिकायत वाले हैं। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि तकलीफ होने पर आंखों को पीने के ठंडे पानी से धोएं। अपने मन से आंख में दवा न डालें, बल्कि डॉक्टर को दिखाएं।
हमीदिया अस्पताल में शिशु रोग विभाग के डॉक्टर का कहना है कि बच्चों में उल्टी-दस्त, हीट स्ट्रोक के साथ ही पीलिया टायफाइड के केस भी आ रहे हैं। हमीदिया में शिशु रोग विभाग की ओपीडी में लगभग 250 मरीज आते हैं। इनमें लगभग 30 फीसदी मरीज इन्हीं बीमारियों के हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों बच्चों की बीमारियों की दो वजह है। तेज गर्मी के चलते शरीर में पानी की कमी और साफ पानी नहीं मिलना। डॉ. टिक्कस ने कहा कि बहुत जरूरी न हो तो सुबह 11 से शाम 5 बजे तक बच्चों को लेकर बाहर न निकलें। जरूरी हो तो कुछ खिलाकर और पर्याप्त पानी पिलाकर निकलें। दस्त के दौरान बच्चों को शुरू से ही ओआरएस पिलाएं। इसका बड़ा पैकेट एक लीटर पानी में घोलकर थोड़ा-थोड़ा पिलाते रहें। 12 घंटे तक यह खराब नहीं होता। बीमारी के दौरान हल्का खाना जैसे खिचड़ी, दलिया व नारियल पानी आदि दें। बाहर की कटी-फटी चीजें न खिलाएं।

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