शिवराज का सवाल किसान सम्मान निधि का पैसा जा सकता है तो कर्जमाफी का क्यों नहीं ?

नई दिल्ली, मध्यप्रदेश का किसान कांग्रेस की झूठी कर्जमाफी से बेहाल और परेशान है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेशर्मी से कर्जमाफी का एक झूठ बोला और अब दूसरा झूठ न्यूनतम आय और गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक की बात कर रहे हैं। राहुल गांधी ने जिस तरह किसानों को कर्जमाफी पर गुमराह किया अब न्याय योजना के नाम पर जनता को गुमराह कर रहे हैं। यह बात सोमवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चैहान ने कही। चौहान ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्जमाफी के झूठे वादे को लेकर मीडिया के समक्ष अपनी बात रखी।
गरीब और उनकी गरीबी खिलौना
चौहान ने कहा कि कांग्रेस पर वर्चस्व रखने वाले वंशवादी गांधी परिवार के लिए देश के गरीब और उनकी गरीबी एक खिलौना बना हुआ है। इस बार लोेकसभा चुनाव आते ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर यही खिलौना खेलना शुरू कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कांग्रेस का इतिहास है कि चुनाव जीतने के लिए वह वादे करती है फिर गरीबों को भ्रम में रखती है। यही कारण है कि कांग्रेस के 60 साल के शासन में गरीबी जस के तस रही। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार में देश की विकास दर महज 3.5 प्रतिशत थी और पूरी दुनिया इसे हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहकर मजाक उड़ाती थी। इस विकास दर से गरीबी हटाना संभव नहीं था। इसके बाद 1971 में राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने भी गरीबी हटाओ के नाम पर गरीबों के संवेदनाओं के साथ खेल किया था। राजीव गांधी की सरकार में तो विवाद ही चलते रहे, इसलिए गरीबी दूर करने की कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी तरह यूपीए के 10 साल के कार्यकाल में भी गरीबों के साथ छल कपट होता रहा और अब यही काम राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी कर रही है।
अब तक 10 मुख्यमंत्री बदल दिए जाने थे
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार को 104 दिन से अधिक हो गए लेकिन किसी भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ। राहुल गांधी ने 10 दिन के भीतर कर्जमाफी न किए जाने पर मुख्यमंत्री बदलने की बात कही थी। राहुल गांधी को यदि अपने वादों के प्रति थोडी भी प्रतिबद्धता, हिम्मत और ईमानदारी होती तो मध्यप्रदेश में आज कम से कम 10 मुख्यमंत्री बदल चुके होते, लेकिन न मुख्यमंत्री बदले गए और न ही किसानों का कर्ज माफ हुआ। राहुल गांधी कितने कान्फीडेंस से झूठ बोलते हैं, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण झूठी कर्जमाफी है। उन्होंने कहा कि जिस दिन आचार संहिता लगी उस दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चार घंटे पहले में किसानों के मोबाइल पर कर्जमाफी करने में असमर्थता के एसएमएस भेंज दिए। एक तरफ उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्जमाफी की बात करते हैं वहीं उन्हीं की सरकार के मुख्यमंत्री किसानों को मैसेज करते हैं कि आचार संहिता लग गई है चुनाव के बाद देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को संदेश भेजने में इतनी तत्परता मानों जैसे यह इंतजार कर रहे थे कि कब चुनाव आयोग प्रेस कांफ्रेंस करे और इनकी कर्जमाफी से जान छूटे।

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