किसानों की कर्ज माफी के वादे को हमने ईमानदारी से निभाया, भाजपा नहीं बोले झूठ – कमलनाथ

भोपाल, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आज कर्ज माफी को लेकर दिल्ली में ली गयी पत्रकार वार्ता पर पलटवार करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा को झूठ बोलने में महारत हासिल हैं, यह सच्चाई सभी जानते हैं और आज शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की कर्ज माफी पर झूठ बोलने के लिए दिन भी उसी हिसाब से चुना। भाजपा को तो कांग्रेस सरकार के इस ऐतिहासिक निर्णय पर बड़ा दिल रखते हुए, बगैर राजनीतिक भेदभाव के खुले मन से कांग्रेस सरकार की प्रशंसा करना थी, लेकिन भाजपा के नेतागण लगातार किसानों की कर्ज माफी पर झूठ परोस कर प्रदेश के भोले-भाले किसान भाइयों को गुमराह करने का एजेंडा लिये फिर रहे हैं।
नाथ ने कहा कि वैसे तो भाजपा को व खुद शिवराज सिंह को किसानों पर और उनकी कर्ज माफी पर बात तक करने का हक नहीं है, क्योंकि इनके शासनकाल में किसानों की दुर्दशा किसी से छिपी हुई नहीं थी। जिनके राज में किसानों का 1 रुपये तक का कर्ज माफ नहीं हुआ। जिन के राज में किसान कर्ज के दलदल में दबकर निरंतर आत्महत्या करते रहे। जिन के राज में प्रदेश किसानों की आत्महत्याओं में देश में शीर्ष प्रदेशों में शामिल रहा। जिनके राज में हक मांगने पर किसानों के सीने पर गोलियां तक दागी गई। जिन के राज में किसानों का कर्ज माफी पर मजाक उड़ाया जाता रहा। वह आज किस मुंह से किसानों की कर्ज माफी पर सवाल खड़ा कर रहे हैं?
नाथ ने कहा कि बेहतर होता शिवराज सिंह चौहान उनकी सरकार के समय उनकी पार्टी के लोगों द्वारा कर्ज माफी पर दिए गए बयानों को एक बार पहले सुन लेते। साथ ही कांग्रेस की प्रदेश सरकार द्वारा 9 मार्च 2019 तक 23 लाख 48 हजार कर्जमाफी वाले किसानों की सूची का अध्ययन कर लेते तो शायद उन्हें झूठ परोसने दिल्ली नहीं जाना पड़ता। शायद वे भी इस सच्चाई को जानते थे और प्रदेश में झूठ बोलने की हिम्मत नहीं दिखा पाये, इसलिए प्रदेश छोड़ दिल्ली झूठ परोसने चले गये।
नाथ ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 जून 2018 को मंदसौर की पिपलिया मंडी में किसानों की आम सभा में वादा किया था कि हमारी सरकार बनने पर 10 दिन के अंदर किसानों की 2 लाख तक के कर्ज माफ करेंगे। उसी वादे के अनुरूप मैंने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करने के 1 घंटे के अंदर किसानों की ऋण माफी के आदेश पर हस्ताक्षर किये। उसके बाद हमने ऋण माफी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी। प्रक्रिया के बाद 22 फरवरी से हम ने प्रदेश भर में ऋण माफी के सर्टिफिकेट बांटना प्रारंभ कर दिये। जिसके तहत 9 मार्च तक हमने 23 लाख 48 हजार किसानों के कर्ज माफ कर दिए। शेष बचे किसानों के कर्ज हम आचार संहिता के बाद माफ करेंगे,यह हमारा वचन है। हम भाजपा की तरह ना झूठ बोलते हैं ना झूठ परोसते हैं।जो खुद को किसान पुत्र बताते थे, उनके राज में खेती घाटे का धंधा बन गई। उनके राज में वह खुद किसानों को खेती छोड़ नौकरी उद्योग लगाने की सलाह देते थे। वह आज किस मुंह से कर्ज माफी पर झूठे सवाल खड़े कर रहे हैं?
हमारी ऋण माफी के गवाह प्रदेश के 23 लाख 48 हजार किसान भाई हैं और आचार संहिता के बाद करीब 55 लाख किसान इस ऋण माफी के गवाह होंगे। यदि हमने अपना ऋण माफी का वादा नहीं निभाया होता तो आज किसान भाई हम पर सवाल खड़े कर रहा होता।किसान तो खुश है वो तो ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र लिये खुशी-खुशी दिखाते फिर रहा है पर पेट दर्द भाजपा नेताओ को हो रहा है। उनसे किसानो की खुशी देखी नहीं जा रही है।
नाथ ने कहा कि जहां तक मैसेज की बात है। कई किसानों के एक से अधिक दो या तीन अकाउंट भी है। जिन किसानों का एक अकाउंट का कर्ज माफ हो गया, उन्हें कर्ज माफी का मैसेज मिल गया। यदि दूसरे अकाउंट का उसी किसान का कर्ज अभी बाकी है तो उसे मैसेज मिला कि आचार संहिता के बाद आपका इस अकाउंट का भी कर्ज माफ होगा। भाजपा मैसेज के नाम पर भी किसानों को गुमराह कर रही है।

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