नई दिल्ली,लंदन में बैठे भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को भारतीय जांच एजेंसियों का डर सता रहा है। इस कारण वहां दूसरे देश की नागरिकता के लिए प्रयास कर रहा है। दरअसल लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में चल रही सुनवाई को भारत का पक्ष मजबूत होता देख नीरव मोदी ने एंटीगुआ की नागरिकता के लिए अप्लाई किया था। लेकिन नीरव मोदी की हर चाल पर नजर रख रही भारतीय एजेंसियों ने उसके इरादे को नाकाम कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी ने हाल ही में एंटीगुआ की नागरिकता के लिए आवेदन दिया था। नीरव मोदी ने इंवेस्टमेंट प्रोग्राम के आधार पर एंटीगुआ की नागरिकता चाही थी।
बता दें कि पीएनबी स्कैम का दूसरा आरोपी और नीरव मोदी का रिश्तेदार मेहुल चौकसी इस वक्त एंटीगुआ में ही है। उसने इसी साल जनवरी के महीने में एंटीगुआ की नागरिकता ली थी। मेहुल चौकसी ने जनवरी में एंटीगुआ स्थित इंडियन हाईकमीशन में अपना पासपोर्ट जमाकर दिया था। मेहुल चोकसी ने भी एंटीगुआ में निवेश का बहाना बनाकर वहां की नागरिकता ली थी।
वहीं भगोड़े आरोपी मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसिया एंटीगुआ में लगातार कानूनी कार्रवाई कर रही है। इसी दौरान जब एंटीगुआ की सरकार को नीरव मोदी द्वारा नागरिकता के लिए आवेदन मिला तो उनके कान खड़े हो गए। सचेत एंटीगुआ के अधिकारियों ने तुरंत इसकी सूचना भारतीय अधिकारियों को दी, इसके बाद भारतीय एंजेंसियों की आपत्ति के बाद फिलहाल एंटीगुआ ने नीरव मोदी की नागरकिता आवेदन को खारिज कर दिया है।
बता दें कि नीरव मोदी को 19 मार्च में लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद लंदन की अदालत में उसके प्रत्यर्पण का मुकदमा चल रहा है। 29 मार्च को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट के जज एम्मा अर्बथनॉट ने 48 साल के नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने नीरव मोदी की हिरासत 26 अप्रैल तक बढ़ा दी है।