भोपाल, राजधानी स्थित वनविहार में अब उत्तर प्रदेश से नर घडियाल मंगाया गया है। इसके आ जाने के बाद
वन विहार में पहले से मौजूद तीन मादा घडियाल अकेली नहीं रहेगी। नर घडियाल के आने के बाद उनका कुनबा बढने की भी पूरी संभावना है। उप्र से नर धडियाल के अगले महीने आने की उम्मीद जताई जा रही है। वन विभाग ने इनके लिए उत्तरप्रदेश के कुकरैल अभयारण्य और असम से नर घड़ियाल मंगाए हैं। अभी वन विहार में सिर्फ तीन मादा घड़ियाल हैं। ऐसी स्थिति में कुनबा नहीं बढ़ सकता। यहां 1984 में चंबल से 10 घड़ियाल लाए गए थे, सभी मादा थीं। इसके कारण आज तक कुनबा नहीं बढ़ सका, बल्कि और कम हो गया। यह कुनबा इसलिए कम हुआ, क्योंकि 10 में से 9 घड़ियाल साल 2006 में आई बाढ़ में वन विहार से बाहर चले गए थे। तार फेंसिंग व जाली टूटने के कारण ऐसा हुआ था। इसमें से हाल ही में दो घड़ियाल कलियासोत डैम में मिले थे, जिन्हें पकड़कर वन विहार शिफ्ट किया है। इस तरह दोबारा संख्या तीन हो गई है।
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन यू प्रकाशम का कहना है कि मादा घड़ियालों के लिए नर घड़ियाल लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वन विहार में तेज गर्मी से वन्यप्राणियों को बचाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रभारी डायरेक्टर डॉ. एसपी तिवारी के मुताबिक बाघ व तेंदुए के बाड़े में फव्वारे लगाए जा रहे हैं। भालुओं के बाड़े में बर्फ के गोले रखने के इंतजाम किए जा रहे हैं। अन्य बाड़ों में घास के परदे, कूलर आदि की व्यवस्था की जा रही है। एक अप्रैल से ये सभी व्यवस्थाएं चालू हो जाएंगी। वनविहार में वन्य प्राणियों को गरमी से बचाने के लिए यह व्यवस्था करवाई जाएगी। इस भीषण गर्मी में पशु पक्षी ठंडक का अहसास कर सकेंगे।