जबलपुर,शहर में निजी व्यवसायियों द्वारा बेचे जा रहे दूध के खुदरा मूल्य की दरें अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत तय करने कलेक्टर महेश चन्द्र चैधरी ने राज्य शासन को गुरुवार को पुनः एक पत्र भेजा है।
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को भेजे इस पत्र में कलेक्टर ने आग्रह किया है कि निजी व्यवसायियों द्वारा बेचे जा रहे दूध के खुदरा मूल्य जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ के दूध की विक्रय दरों के अनुरूप निर्धारित करने के आदेश अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत जारी किये जायें।
चौधरी ने अपने इस पत्र में जबलपुर जिले में दूध के उत्पादन से लेकर प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता और जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ द्वारा दूध की तय की गई विक्रय दरों का विस्तार से उल्लेख भी किया है। कलेक्टर ने पत्र में साफ तौर पर कहा है कि जबलपुर में हालाकि प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता राष्ट्रीय औसत से कुछ कम है, परन्तु शहर एवं इसके आसपास के कुछ बड़े व्यवसायिक डेयरी उत्पादकों ने एसोसिएशन बना लिया है तथा इनके द्वारा समय-समय पर दूध का कृत्रिम अभाव पैदा कर एकतरफा और अप्रत्याशित रूप से दूध की कीमतों में वृद्धि कर दी जाती है। व्यवसायिक डेयरी उत्पादकों द्वारा दूध के दाम में की गई अप्रत्याशित वृद्धि से आम जनता द्वारा धरना-प्रदर्शन कर ज्ञापन दिये जाते हैं, यहां तक की कई बार कानून व्यवस्था की स्थिति भी निर्मित हो जाती है।
श्री चैधरी ने इन परिस्थितियों के मद्देनजर प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से आग्रह किया है कि शासन स्तर पर इस संबंध में निर्णय लिया जाकर जिले में निजी व्यवसायियों द्वारा बेचे जाने वाले दूध का खुदरा मूल्य दरें जबलपुर सहकारी दुग्ध संघ की दरों के अनुरूप अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम के तहत तय की जायें।