चैननई, एक वक्त ऐसा था कि टॉम वडक्कन अनौपचारिक रुप से कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के प्रमुख सलाहकार के रुप में जाने जाते थे। जब वडक्कन ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा के साथ जाने का फैसला किया तो कई राजनीतिक विश्लेषक भी उनके इस फैसले से हैरान नजर आए। एक बार को विश्वास करना भी मुश्किल हो रहा था कि वडक्कन ऐसा कैसे कर सकते हैं।
बता दें कि कभी सोनिया गांधी के करीबी रहे टॉम वडक्कन आज नरेंद्र मोदी और अमित शाह का गुणगान कर रहे हैं। वडक्कन ना सिर्फ गांधी परिवार के वफादार थे बल्कि यूपीए की सरकारों में भी इनका डंका बजता था। वडक्कन के यहां उस समय के केंद्रीय मंत्रियों की लाइन लगा करती थी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि सोनिया वडक्कन की राय लिए बगैर कोई भी राजनीतिक फैसला नहीं लेती थीं। जानकार यह भी बताते है कि वो वडक्कन ही थे जिनके कहने पर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे तत्कालीन रेल मंत्री पवन बंसल और कोलगेट में फंसे कानून मंत्री अश्विनी कुमार को मनमोहन कैबीनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। अत: इससे वडक्कन के राजनीतिक कद का अंदाजा लगाया जा सकता है।
लेकिन वडक्कन के भाजपा में जाने की खबर पर विश्वास करना भी मुश्किल हो रहा था कि वडक्कन ऐसा कैसे कर सकते हैं। पर यह राजनीति है जहां कुछ भी असंभव नहीं है। एक समय मोदी सरकार और भाजपा को पानी पी-पी कर कोसने वाले वडक्कन आज यह कहकर अपने को बचा रहे हैं कि मैं पार्टी द्वारा लिखी स्क्रिप्ट को एक प्रवक्ता की हैसियत से पढ़ता था। हालांकि वह अभी भी अपने किए उन ट्वीट पर गोल-मोल जवाब दे रहे है जिसके जरिए वह पार्टी में अपनी मजबूत पकड़ को बरकरार रखना चाहते थे।
भाजपा में शामिल होते समय वडक्कन ने कहा कि सेना द्वारा किए गए कार्रवाई पर कांग्रेस ने जिस तरीके से सवाल उठाया उससे वह काफी आहत हुए। पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा देश वर्तमान सरकार द्वारा किए गए विकास कार्य से बहुत खुश है। वडक्कन के भाजपा में शामिल होने के पीछे लोकसभा चुनाव का मुद्दा माना जा रहा है। वडक्कन कांग्रेस की टिकट पर केरल के किसी भी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे और पार्टी उसके लिए तैयार नहीं थी। यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस की कमान संभाले जाने के बाद से वडक्कन कई सालों से पार्टी में हाशिए पर चल रहे थे। बता दे कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जा चुकी है और भाजपा केरल में अपने पार्टी को विस्तार करने में जुट गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि वडक्कन को भाजपा केरल में उनके मचचाहे सीट से चुनावी समर में उतार सकती है। कांग्रेस ने वडक्कन के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब वह मोदी और शाह से जवाब मांग सकते हैं।