अहमदाबाद,लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद अब हाई प्रोफाइल सीटों से उम्मीदवारों के लड़ने की चर्चा शुरू हो गई है। इसी में शामिल गुजरात की गांधीनगर सीट को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं। वर्तमान में इस सीट से पूर्व उप-प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सांसद हैं लेकिन 91 साल के होने की वजह से इस बार उनके चुनाव लड़ने की संभावनाएं नहीं दिख रही हैं। ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नाम इस सीट से सामने आ रहा है। गुजरात की गांधीनगर सीट भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है। साल 1989 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा उम्मीदवार शंकर सिंह वाघेला ने जीत दर्ज की थी, जिसके बाद इस सीट से भाजपा की जीत का सिलसिला अभी भी जारी है। वहीं, अमित शाह गांधीनगर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली नारणपुरा और सरखेज सीट से विधायक रह चुके हैं। सरखेज सीट से उन्होंने लगातार चार बार चुनाव जीता था हालांकि साल 2012 में सीट बदलते हुए शाह नारणपुरा की तरफ चले गए और वहां पर भी उन्होंने अपना विजयी रथ आगे बढ़ाया।
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में देश में नरेंद्र मोदी के नाम की लहर थी, जिसकी बदौलत बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर कब्जा कर लिया था। हालांकि, अमित शाह को भाजपा ने गुजरात से राज्यसभा भेज दिया था। विशेषज्ञों की मानें तो अगर इस बार प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से चुनाव नहीं लड़ते हैं तो अमित शाह ही वो कड़ी होंगे जो गुजरात में कार्यकर्ताओं के जोश को बरकरार रख सकते हैं।
चुनावों से पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि राजनीतिक पार्टियां इस बार अपने वरिष्ठतम नेताओं को चुनाव में नहीं उतारेगी लेकिन कांग्रेस द्वारा सोनिया गांधी को टिकट दिए जाने के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे कद्दावर नेता भी चुनाव लड़ सकते हैं। अगर इस बार लालकृष्ण आडवाणी ने चुनाव लड़ा तो वो एक नया रिकॉर्ड बना देंगे। क्योंकि 91 साल की उम्र में अभी तक किसी भी सांसद ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है और वह ऐसा करने वाले पहले सांसद बन सकते हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी के पास तजुर्बा इतना है कि वह इस बार चुनाव न लड़ें तो भी रिकॉर्ड बनाएंगे। क्योंकि, 91 वर्ष की उम्र में कोई भी भारतीय राजनीतिज्ञ रिटायर नहीं हुआ है।