भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर से प्रियंका ने की मुलाकात, आज़ाद मोदी के खिलाफ बनारस से लड़ेंगे चुनाव

मेरठ,कांग्रेस नेत्री प्रियंका वाड्रा और पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद से मुलाक़ात की। आज़ाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं।
हालाँकि मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने कहा ‘इसे राजनीति से जोड़कर मत देखिए। इसे ऐसे देखना चाहिए कि चंद्रशेखर युवा हैं, संघर्ष कर रहे हैं। यह सरकार उस नौजवान को कुचलना चाहती है। रोजगार दिया नहीं है जब आवाज उठा रहे हैं तो उठाने दीजिए कुचलने की क्या जरूरत है।’ पत्रकारों ने प्रियंका गांधी से पूछा कि क्या कांग्रेस पार्टी चंद्रशेखर को नगीना से चुनाव लड़ाएगी? इसपर प्रियंका गांधी ने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें इस लड़के का जोश पसंद है और देख कर अच्छा लगा कि वह संघर्ष कर रहा है। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि क्या आप ऐसे नौजवान को कांग्रेस में लाएंगे तो प्रियंका गांधी ने कहा कि देखिए आप इस का राजनीतिकरण कर रहे हैं। मैं नहीं कर रही हूं। मैं इस लड़के का संघर्ष समझ रही हूं।
ज्ञात रहे कि भीम आर्मी पश्चिमी यूपी में सबसे मजबूत है। यहां के लोग मायावती से बड़ा नेता चंद्रशेखर को मानते हैं। दलित समुदाय के युवा खुदको चंद्रशेखर से जुड़ा महसूस करते हैं।
इस मुलाकात के बाद भीम आर्मी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद को कल बिना इजाज़त सहारनपुर में रैली निकालने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बीएसपी ने कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार किया है। ऐसे में पश्चिमी यूपी के एससी वोटों पर अच्छी पकड़ रखने वाले चंद्रशेखर आजाद के साथ गठबंधन कांग्रेस के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है। इसका सीधा नुकसान बसपा-सपा महागठबंधन को पहुंचेगा। क्योंकि दलित वोट बंट जाएगा। कहा जा रहा है कि प्रियंका महागठबंधन पर दबाब बनाना चाहती हैं। ताकि उसमें कांग्रेस को पर्याप्त हिस्सेदारी के साथ शामिल किया जाये।

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