नई दिल्ली, भारत के खिलाफ पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट के उपयोग के बाद अमेरिकी के रुख को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान को ये विमान बेचते समय अमेरिका ने कहा था कि ये आतंकवाद से लड़ने के साथ ही भारत के साथ भविष्य में किसी टकराव की स्थिति में पाकिस्तान की ताकत बढ़ाने के लिए दिए जा रहे हैं। पाकिस्तान में अमेरिका की तत्कालीन राजदूत एने पैटरसन ने एफ-16 और अन्य सैन्य साजोसामान खरीदने की खातिर पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से आतंकवाद से लड़ने के नाम पर वित्तीय सहायता देने की स्वकृति दिए जाने को लेकर यही दलीलें दी थीं। पाकिस्तान को दिए गए। इस पैकेज में 500 एआईएम-120-सी5 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टु-एयर मिसाइल शामिल थी। इसी मिसाइल के टुकड़ों को भारतीय वायुसेना ने सबूत के तौर पर दिखाया है। पैटरसन ने अमेरिकी सरकार को 24 अप्रैल 2008 को लिखे पत्र में कहा था, एफ-16 प्रोग्राम में बढ़ोतरी से पाकिस्तान को भारत के साथ भविष्य में टकराव की स्थिति में परमाणु हमले के बजाय अन्य तरीके से प्रतिक्रिया देने के लिए ताकत भी मिलेगी। बता दें कि भारतीय वायुसेना ने एक विस्तृत बयान में 27 फरवरी के घटनाक्रम की जानकारी दी थी।
अमेरिका के साथ चल रही भारत की बातचीत की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार भारत ने पहले ही ट्रंप सरकार से यह पूछा है कि एफ-16 और एएमआरएएम के इस्तेमाल से इनकी बिक्री की शर्तों का उल्लंघन हुआ है या नहीं। पाकिस्तान को एफ-16 की बिक्री के समय अमेरिका की तत्कालीन जॉर्ज बुश सरकार ने भारत को आश्वासन दिया था कि एफ- 16 के उपयोगा और तैनाती को लेकर कड़ी निगरानी की जाएगी। इसके दायरे में किसी तीसरे देश में अभ्यास या अभियान के दौरान इनकी तैनाती को भी रखने की बात की गई थी। पाकिस्तान को एफ-16 की बिक्री दोबारा शुरू करने के समय अमेरिका के असिस्टेंट सेक्रटरी ऑफ स्टेट जॉन हिलेन ने बताया था कि पाकिस्तान के बाहर एफ-16 की फ्लाइट्स या अन्य देशों के साथ अभ्यास और अभियानों में इन्हें शामिल करने के लिए अमेरिका सरकार से स्वीकृति लेनी होगी। भारत इससे पहले भी पाकिस्तान को अमेरिका की ओर से एफ-16 की बिक्री का विरोध करता रहा है।
27 फरवरी की घटना से यह मुद्दा एक बार फिर से सामने आ गया है। पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकाने पर भारत के हवाई हमले के बाद पाकिस्तान के एफ-16 विमानों ने भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश कर बम गिराए थे। हालांकि, भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान का एक एफ-16 विमान गिरा दिया था। 2016 में भारत ने पाकिस्तान को आठ और एफ-16 बेचने की ओबामा सरकार की कोशिश को रोक दिया था। इसके लिए भारत ने अमेरिकी संसद में कॉफी लॉबीइंग की थी।