नई दिल्ली,दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर सियासत और तेज हो गई है। कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनके मंत्रियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में दिल्ली सरकार का भ्रष्टाचार सामने आ गया है। इसलिए दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि कमेटी ने केजरीवाल सरकार की 404 फाइलों की जांच की है। फाइलों में भारी अनियमितता पाई गई है। रिपोर्ट में कहा कि केजरीवाल सरकार ने गैरकानूनी तरीके से जगह, निवास स्थान तथा कार्यालय आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री, मंत्रियों और आप नेताओं के रिश्तेदारों को गैरकानूनी और बिना किसी प्रक्रिया के लाखों रुपये के वेतन पर नियुक्त किया गया है। इसी तरह से सरकार के मंत्रियों व विधायकों को बिना उपराज्यपाल के अनुमति के विदेश यात्रा पर भेजा है।
अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने गैरकानूनी तरीके से आम आदमी पार्टी को कार्यालय आवंटित करने के साथ ही विधायकों व अन्य पदाधिकारियों के लिए भी कार्यालय आवंटित किए हैैं। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के साथ ही दिल्ली सरकार के संबधित अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एफआइआर दर्ज होनी चाहिए। रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस ने दिल्ली के सभी वार्डों में रोष प्रदर्शन कर केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की थी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार से इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की गई थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको, मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा व रमेश कुमार, कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा, डा. किरण वालिया, नसीब सिंह, देवेन्द्र यादव, हरिशंकर गुप्ता, मतीन अहमद, हसन अहमद, चतर सिह, ब्रहम यादव, ओम प्रकाश बिधूड़ी, अमन पंवार शामिल थे।