नई दिल्ली, सन 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के दोषी सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई टल गई है। सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को इस मामले की सुनवाई करनी थी, लेकिन न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। अब इस मामले की सुनवाई के लिए अलग बेंच का गठन किया जाएगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सज्जन कुमार की अपील और जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा था। सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट इलाके में सिखों के कत्लेआम मामले में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि 1947 में विभाजन के समय हुए नरसंहार के 37 साल बाद फिर हजारों लोगों की हत्या हुई। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया गया। हत्यारों को पूरा राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ था।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली कैंट के राज नगर में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। गौरतलब है कि निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था। वहीं कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, रिटायर्ड नेवी अफसर कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को उम्रकैद की सजा और बाकी दो दोषियों पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोखर को 3 साल की सजा सुनाई थी। जबकि कांग्रेस नेता सज्जन कुमारकोबरी कर दिया गया था। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दोषियों ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की थी। वहीं सीबीआई ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी करने के खिलाफ अपील की थी।