शहीद का दर्जा देने से कतरा रही है मोदी सरकार-ज्योतिरादित्य

झांसी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि देश के लिए हमेशा अपने प्राणों का बलिदान देने को तत्पर रहने वाले वीर सैनिकों को केंद्र सरकार जरूरी साजोसामान भी मुहैया न कराकर उनके साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि जिन जवानों ने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाई और बलिदान दिया है। आज उन्हीं को केन्द्र की मोदी सरकार शहीद का दर्जा देने से कतरा रही है। यह बड़े शर्म की बात है। इसका जबाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देना होगा। उरी और पठान कोट की घटना के बाद भी आज तक सेना की खामियों को दूर नहीं किया गया है।
रविवार को यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में सिंधिया ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा की स्थिति आज जो देश में है, इतनी गम्भीर पूर्ण स्थिति कभी देश के इतिहास में नहीं हुई है। हमारे देश के वीर सिपाही हमेशा देश के लिए बलिदान देते हैं। इसके बाद भी केन्द्र की मोदी सरकार उनके खिलाफ अन्यायपूर्ण रवैया अपनाकर काम कर रही है। वीर सिपाहियों पर जो हथियार होना चाहिए वह उनके पास नहीं हैं चाहें एयर फोर्स की बात करें या फिर आर्मी और नेवी। केन्द्र की मोदी सरकार सैनिकों के लिए साधन उत्पन न कराकर अन्याय कर रही है,यह बड़े शर्म की बात है। पुलवामा में शहीद हुए जवानों के बदले को लेकर ज्योतिराज सिंधिया ने कहा कि भारत देश की सुरक्षा में लगे जिन वीर जवानों ने बलिदान दिया मोदी सरकार उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दे रही है। इससे बड़ी खेद और शर्म की बात कोई नहीं हैं जिसका जबाब स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देना होगा। उन्हें बताना होगा कि जिस समय जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में दुःखट घटना हुई उस समय राष्ट्रीय उद्यान और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क मे वे क्या कर रहे थे। इसके साथ ही उत्तराखंड में सभा को सम्बोधित किया जा रहा था उस समय उन्होंने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देना भी मुनासिब नहीं समझा। जनरल फिलिप कैम्पोस की रिपोर्ट आई है जिसमें उन्होंने उरी और पठान कोट की घटना के बात कई बार खामियों के बारे में अवगत कराया गया लेकिन अभी तक उन खामियों को दूर नहीं किया गया। यहां तक कि पुलवामा में हुई घटना के बाद भी उन्होंने खामियों को दूर नहीं किया गया।

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