जबलपुर, पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जबलपुर के सिहोरा गांव के अश्विनी काछी का पार्थिव देह शनिवार को उनके गृह गांव खुडावल पहुंचा, जहां इस वीर सपूत को देखने हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। शहीद अश्विनी के घर पर शुक्रवार से ही नाते-रिश्तेदारों सहित आस-पास के गांव वालों का तांता लगा हुआ था, लेकिन शनिवार को जैसे ही उनका पार्थिव देह उनके गांव खुडावल पहुंचा हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ पड़ी। इसके बाद शहीद अश्विनी काछी को उनके पिता ने मुख्गानि दी। इसके बाद अश्विनी काछी पंचतत्व में विलीन हो गए।
शहीद जवान के अंतिम दर्शन करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हजारों लोग शहीद अश्विनी काछी के गांव पहुंचे, जहां आस-पास के ग्रामीणों सहित उनके अंतिम दर्शन के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और विपक्ष नेता गोपाल भार्गव भी पहुंचे। इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए खुडावल पहुंचने वाले है। इसके अलावा जबलपुर सासंद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक भी शहीद के गांव जाकर श्रद्धांजलि और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले है।
शहीद अश्विनी काछी के पार्थिव देह के गांव पहुंचने के पहले ही पुलिस के जवान और अर्ध सैनिक बल के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। शहीद अश्विनी के पिता ने बताया कि उन्हें गुरुवार की शाम को अश्विनी की शहादत के बारे में तब पता चला जब उनके ही किसी दोस्त ने उन्हें फोन करके इसके बारे में सूचना दी। पहले तो लगा कि मजाक कर रहा है, लेकिन बाद में समझ आया यह सब कुछ सच है। बेटे की शहादत को याद करते हुए बार-बार माता-पिता सरकार से बेटे की शहादत का बदला लेने की बात कह रहे हैं। इधर,शहीद अश्विनी के पिता सरकार से ईंट का जवाब पत्थर से देने की मांग कर रहे हैं। उनके पिता सुकरू प्रसाद कहते हैं, मेरा बेटा तो चला गया। लेकिन सरकार को थोड़ा आगे कार्रवाई करनी चाहिए। शहीद बेटे को याद करते हुए पिता कहते हैं, अश्वनी सेना में गया तो मैंने कहा था कि अपना धर्म निभाना, पीठ मत दिखाना। वो कहता था कि पिताजी मैं आऊंगा तो तिरंगे में लिपटकर आऊंगा और वो झंडे में लिपटकर आया। अश्विनी के भाई सुमंत लाल का कहना है, भाई से बहन के देवर की शादी में बात हुई और उसने बताया कि भैया मैं जम्मू जा रहा हूं।