नयी दिल्ली, भारत रत्न दिवंगत कलाकार भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने भारत सरकार को लिखी अपनी चिट्ठी में पिता के लिए भारत रत्न सम्मान ग्रहण करना गौरव का क्षण बताया है। तेज हजारिका ने लिखा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग 11 फरवरी 2019 को भारत रत्न के बारे में मेरे सार्वजनिक बयान गलत तरीके से प्रस्तुत करके इसको पूरी तरह से गलत बता रहे हैं। हालांकि, मैंने अपने जीवन का अधिकांश समय विदेश में गुजारा है। लेकिन फिर भी भारत से मेरी जड़ें मजबूती से जुड़ी हैं। क्योंकि न केवल मैं भारत में पैदा हुआ था बल्कि मेरे माता-पिता और उनके माता-पिता का जन्मस्थल भी भारत ही है। भारत में मेरा परिवार है। भारत में ही मेरे परवरिश के कारण मैं हमेशा से भारतीय गणराज्य, इसकी विशाल विविधता से पूरी तरीके से जुड़ा हुआ रहा हूं। साथ ही यहां के नागरिक पुरस्कारों के जरिए सभी असाधारण पृष्ठभूमि से आए अपने असाधारण व्यक्तियों को पहचानने की अपनी महान संस्था के प्रति मेरा पूरा सम्मान है। नागरिक पुरस्कारों में सर्वोच्च भारत रत्न, हाल ही में मेरे पिता, स्वर्गीय डॉ भूपेन हजारिका को देने की घोषणा की गई।
भारत सरकार ने मुझे अपने पिता के तरफ से भारत रत्न स्वीकार करने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने बहुत त्याग किया और एक निस्वार्थ और प्रगतिशील भारत के उद्देश्य के लिए निस्वार्थ रूप से समर्पित किया और अब उन्हें और उनके त्याग को इस योग्य पुरस्कार के जरिए पहचाना जा रहा है।
मेरे दिवंगत पिता की ओर से भारत रत्न स्वीकार करने के लिए भारत सरकार द्वारा आमंत्रित किया जाना मेरे और मेरे परिवार के लिए एक बहुत बड़ा सम्मान है। मेरे पिता और उनके प्रशंसकों और अनुयायियों की तरफ से इस पुरस्कार को ग्रहण करना मेरे लिए सपना सच होने जैसा होगा। हमेशा की तरह, मैं अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने का प्रयास करूंगा। जहां अंधेरा है वहां रोशनी लाने के लिए काम करुंगा।
ज्ञात रहे कि इसके पहले मीडिया रिपोर्ट में बतया गया था कि तेज हजारिका ने अपने पिता को दिए जाने वाले भारत रत्न सम्मान की टाइमिंग पर सवाल खड़ा किया है और टीजनशीप बिल के विरोध में इस पुरस्कार को लेने से इंकार कर दिया है।