EVM से नहीं मत पत्र से हो चुनाव

नई दिल्ली,सोलह विपक्षी दलों ने सोमवार की शाम को चुनाव आयोग से मुलाकात की और मत पत्र द्वारा फिर से चुनाव कराने की अपील की। बैठक के बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि वोटर को विश्वास होना चाहिए कि वो जिसको वोट दे रहा है, वोट उन्हीं को जाए। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ईवीएम की विश्वसनीयता पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाएगा गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ईवीएम विश्वास उठ रहा है और पुराने बैलेट पेपर से ही चुनाव होने चाहिए।

इससे पहले विपक्षी दलों ने हाल ही में उपचुनावों के दौरान ईवीएम में कथित गड़बड़ी के हवाले से आधा चुनाव ईवीएम से और आधा मतपत्र से कराने की मांग उठाई है। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में विपक्षी दल के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आज शाम चुनाव आयोग से भी मिला। आजाद की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में जनता दल यू, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल के नेताओं की बैठक में ईवीएम की गड़बड़ी के मुद्दे को एकजुट होकर चुनाव आयोग के समक्ष उठाया।

बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया कि इस साल के अंत तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की आधी सीटों पर ईवीएम से और आधी सीटों पर मतपत्र से मतदान कराने की आयोग से मांग करने पर बैठक में सहमति बनी है। ऐसा होने पर ईवीएम में छेड़छाड़ की लगातार बढ़ रही शिकायतों से समूची निवार्चन प्रणाली पर उठ रही शंकाओं का भी निराकरण हो सकेगा और मशीनों में छेड़छाड़ नहीं हो सकने के चुनाव आयोग के दावे की पुष्टि हो जायेगी।

विपक्षी दल एकजुट होकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) से चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मद्देजनर मशीन के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। एक नेता ने कहा, इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक किसी भी बुनियादी सिद्धांत के उल्लंघन पर तत्काल एवं गंभीरता के साथ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।संसद भवन परिसर स्थित आजाद के कायार्लय में हुई बैठक में कांग्रेस नेताओं अहमद पटेल, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और विवेक तनखा के अलावा जदयू नेता अली अनवर अंसारी, तृणमूल नेता सुखेंदु शेखर रॉय, बसपा नेता सतीश मिश्रा और सपा नेता नीरज शेखर मौजूद थे। राकांपा नेता मजीद मेमन, माकपा नेता डी राजा और राजद नेता जे पी नारायण यादव भी बैठक में मौजूद थे। सभी नेताओं ने इस मुद्दे को मजबूती से चुनाव आयोग के समक्ष उठाने का निर्णय लिया है।

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