नई दिल्ली, राफेल सौदे पर चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच आज संसद में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश कर दी गई है। कांग्रेस इसकी जांच संयुक्त जांच समिति (जेपीसी) से कराने पर अड़ी हुई है। राफेल पर कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रदर्शन करने के कांग्रेस सदस्यों के तरीके पर नाराजगी जताते हुए इसे ‘स्तरहीन’ करार दिया। सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया। कांग्रेस के सदस्य राफेल विमान सौदे में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग करते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
इसी बीच कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी तेज हो गयी और वे पिछले दिनों एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित राफेल मामले से संबंधित खबर की पोस्टर आकार की प्रतियां सदन में दिखाने लगे। अध्यक्ष महाजन ने कहा कि जिम्मेदार विपक्ष के नाते सदस्यों का यह आचरण बहुत ही गलत और अनुचित है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की राफेल से संबंधित रिपोर्ट को ‘चौकीदार ऑडिटर जनरल’ की रिपोर्ट करार दिया और आरोप लगाया कि मौजूदा कैग राजीव महर्षि से सही रिपोर्ट की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि वह इस रक्षा सौदे का हिस्सा रहे हैं। कैग की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि यह ‘चौकीदार ऑडिटर जनरल’ की रिपोर्ट है। यह नरेंद्र मोदी की रिपोर्ट है। रिपोर्ट चौकीदार के द्वारा और चौकीदार के लिए लिख्री गई है। कैग हैं वो इस रक्षा सौदे से जुड़े फैसले में शामिल रहे हैं। ऐसे में वह सही रिपोर्ट नहीं दे सकते। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सोमवार को कहा था, ‘इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच बहुत आवश्यक है और अगर इन सारे तथ्यों को संज्ञान में नहीं लिया जाता है ,जो अखबार के माध्यम से पिछले ६-८ महीनों में सार्वजनिक हुए हैं, तो उस रिपोर्ट का बिल्कुल कोई महत्व नहीं होगा। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी महर्षि को लेकर हितों के टकराव का आरोप लगाया था।