धरमपुरी. रविवार रात में तेंदुए को पकड़ने के लिए आश्रम के समीप लगाए गए पिंजरे से वन विभाग को निराशा ही हाथ लगी ना तेंदुआ पिंजरे में आया और ना ही तेंदुए की कोई आहट देखी गई। सोमवार सुबह सर्चिंग के दौरान तेंदुए के पदचिन्ह के निशान भी नही पाये गये। अब तेंदुए को शिकंजे में कसने के लिए कुतिया चेरी के स्थान पर पिंजरे में बकरे को बिठाया जायेगा।
रालामंडल की टाम पहुंची
तेंदुए को पकड़ने के लिए रालामंडल इंदौर की आई टीम के शेरसिंह कटारे, सोहन लाल दशोरे, रमेश तोमर एवं धामनोद वन विभाग के गौरीशंकर यादव,वैभव शर्मा आदि ने बताया कि तेंदुए की उम्र करीब डेड़ वर्ष है यह काफी चालक और फुर्तीला होता है। इसे पकड़ने के लिए आज पिंजरे में बकरे को रखा जाएगा तथा लोकेशन के लिए कैमरे की संख्या भी बढ़ाई जायेगी।
गौरतलब है कि ग्राम पिपलदागड़ी एवं मौनीबाबा आश्रम के समीप 5 अप्रैल रामनवमी बुधवार रात से क्षैत्र में तेंदुआ बेखोफ होकर सड़को एवं आश्रम के आसपास घूम रहा है। शुक्रवार रात्री को आश्रम की पालतू कुतिया चेरी पर हमला करने के बाद वन विभाग द्वारा तेंदुए की लोकेशन के लिए कैमरे लगाए गए थे जिसमें तेंदुए की तस्वीर कैद होने के बाद रविवार रात में इंदौर रालामंडल की टीम ने पिंजरा लगाया लेकिन फिर भी सफलता हाथ नही लगी।
28 वर्ष की नौकरी में पकड़े हैं 46 तेंदुए
पिपलदागड़ी क्षैत्र में घूम रहे बेखोफ होकर घूम रहा तेंदुए को पकड़ने के लिए आई रालामंडल इंदौर की टीम में शूटर शामिल है। जिसमे इंदौर निवासी शेरसिंह कटारे भी शामिल है। शेरसिंह ने विवेक जगताप, शरद पंडित त्रिलोक राठौड़,राकेश जोशी को बताया कि उन्होंने अपनी 28 वर्ष की नोकरी में अभी तक 46 तेंदुए पकड़े हैं, कई बार तेंदुए की आमने सामने की स्थिति भी बनी है किन्तु हार नही मानी। तेंदुए के अलावा टाइगर,रीछ आदि भी पकड़े है।